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काम की तलाश

तुम्हें अपने आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ रखना चाहिए और अपने दिन का कम से कम एक छोटा हिस्सा अपने मानसिक विकास के लिए सुरक्षित रखना चाहिए

प्रिय दादू,
मेरी वार्षिक परीक्षा खत्म होने को है। यद्यपि मेरे कुछ सहपाठियों को अभी से नौकरियां मिल गई हैं परंतु मैं उतना भाग्यशाली साबित नहीं हुआ हूं। पिछले कुछ वर्षों से, सूचना तकनीकी में स्नातकों को भी नौकरी पाने में मुश्किलात पेश आ रही हैं। क्या आप काम की तलाश कैसे की जाए, इस बारे में कोई सलाह देना चाहेंगे?
सप्रेम
धारिया

प्रिय धारिया,

पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि तुम हर दिन कुछ निश्चिंत घंटे काम ढूंढऩे पर खर्च करो। काम पाने के औपचारिक चैनल भी हैं और अनौपचारिक भी।

अनौपचारिक चैनल हैं तुम्हारे मित्र, रिश्तेदार और परिचित। यह सुनिश्चित करो कि उन सबको यह पता हो कि तुम काम की तलाश में हो (परंतु ऐसा भी न करना कि तुम उनसे सिर्फ अपने काम की तलाश के बारे में ही बातें करते रहो। इससे तुम्हारे और उनके रिश्ते खराब हो जाएंगे)।

औपचारिक चैनल हैं अखबारों और पत्रिकाओं में छपने वाले विज्ञापन (और इन दिनों कुछ इंटरनेट पोर्टल भी)।

चाहे तुम काम की तलाश के लिए औपचारिक चैनलों का इस्तेमाल कर रहे हों या अनौपचारिक चैनलों का, सबसे पहले यह जरूरी है कि तुम्हारे दिमाग में यह साफ होना चाहिए कि तुम किस तरह का काम चाहते हो। इस बारे में निर्णय करने के पहले तुम्हें यह देखना होगा कि तुम्हारी शैक्षणिक योग्यता, कौशल और रुचि किस-किस काम के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता, कौशल और रुचि से मेल खाती है। उदाहरणार्थ, यदि तुम्हें गाड़ी चलाना नहीं आता तो तुम ड्राइवर नहीं बन सकते। परंतु तुम्हें यदि गाड़ी चलाना आता हो तब भी तुम्हारी प्राथमिकता ऐसे काम की हो सकती है, जिसमें तुम्हें रोजाना बहुत से लोगों से मेलजोल का मौका मिले, जैसे कि अध्यापक का काम। परंतु तुम अध्यापक तब ही बन सकते हो जब इसके लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यताएं तुममें हों। तुम्हारी योग्यता, कौशल और रुचि, किस-किस काम में उपयोगी हो सकती है, इस विषय पर तुम अपने मित्रों, परिचितों आदि से भी चर्चा कर सकते हो। अगर तुम्हें ऐसा लगता है कि तुम जो कार्य विशेष करना चाहते हो उसके लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता तुम्हारे पास नहीं है तो तुम काम ढूंढने का काम कुछ समय के लिए स्थगित कर, उस योग्यता को हासिल करने का प्रयास भी कर सकते हो, या फिर तुम यह भी कर सकते हो कि तुम ऐसा कोई काम करने लगो जो तुम्हें अपेक्षाकृत कम पसंद है और साथ में अपनी पसंद के काम के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता हासिल करने की कोशिश भी करते रहो।

अगर और कुछ नहीं तो इन चीजों पर ध्यान केन्द्रित करने से तुम्हें कम से कम यह तो समझ में आ जाएगा कि तुम्हें इंटरनेट की विशाल दुनिया के किस कोने को खंगालना चाहिए या सैकड़ों अखबारों और पत्रिकाओं में से किनके रोजगार संबंधी जानकारी वाले पृष्ठों को पढऩा चाहिए। और यहां हम विदेशों से प्रकाशित होने वाले अखबारों आदि की चर्चा भी नहीं कर रहे हैं।

तुम इस प्रश्न पर भी विचार कर सकते हो कि क्या तुम्हारी रुचि किसी विशेष कंपनी या औद्योगिक समूह के लिए काम करने की है। तुम अपनी पसंद की कंपनी के बारे में अनुसंधान भी कर सकते हो (इन दिनों कंपनियों की वेबसाइटों पर उनके बारे में बहुत विस्तृत जानकारी उपलब्ध रहती है)। अगर उस कंपनी ने उस तरह की नौकरी के लिए विज्ञापन जारी नहीं भी किया है, जैसा कि तुम चाहते हो, तब भी तुम उस कंपनी के मानव संसाधन या कार्मिक विभाग को लिख सकते हो। तुम अपने घर के आसपास स्थित संगठनों से शुरुआत कर सकते हो। चाहे वह खेत हो या फैक्ट्री, अस्पताल हो या स्कूल, सभी में काम करने वालों की जरूरत रहती है और अपने घर के आसपास स्थित किसी भी कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से जाकर या टेलीफोन द्वारा संपर्क कर यह पता लगाने में कोई बुराई नहीं है कि क्या उन्हें ऐसा काम करने वाले किसी व्यक्ति की आवश्यकता है, जैसा काम तुम करना चाहते हो। या फिर, जब तक तुम्हारी रुचि का काम उपलब्ध नहीं होता तब तक कोई दूसरा काम करने पर भी तुम विचार कर सकते हो।

जब तुम यह सब करोगे तब तुम्हें ढ़ेर सारे नकारात्मक जवाब मिलेंगे, क्योंकि हमारे देश में नौकरियां उतनी नहीं हैं जितने कि काम करने वाले हैं। इसलिए अगर तुम्हें नकारात्मक जवाब मिलें तो उनसे निराश मत होना। अनेक संगठन तो तुम्हारे पत्रों का जवाब देने की जरूरत भी नहीं समझेंगे। परंतु इससे परेशान होने की बजाय हर दिन का एक हिस्सा तुम स्वयं को नौकरियों के बाजार के लिए अधिक उपयुक्त बनाने पर खर्च करो।

ऐसा करने का एक तरीका तो यह है कि तुम अखबार, पत्रिकाएं आदि पढ़कर अपने इलाके, भारत और दुनिया के बारे में अपने सामान्य ज्ञान को बढ़ाओ। दूसरे, तुम उस काम के बारे में भी अपनी जानकारी बढ़ा सकते हो जिसे करने की तुम्हारी इच्छा है। अगर तुम पुलिसकर्मी बनना चाहते हो तो तुम यह जानकारी इकट्ठी कर सकते हो कि पुलिसकर्मी कौन-कौन से काम करते हैं, पुलिस में किस तरह का करियर उपलब्ध है, कौन से प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते हैं और वे कौन से कानून और नियम हैं, जिनका पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है। अगर तुम डॉक्टर बनना चाहते हो तो तुम्हें न केवल इसके लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता की जानकारी होनी चाहिए बल्कि तुम्हें यह भी पता होना चाहिए कि डॉक्टर किन-किन विभिन्न प्रकारों के होते हैं और सेना से लेकर कंपनियों तक और सरकार से लेकर शैक्षणिक संस्थाओं तक, कहां-कहां डाक्टरों को रोजगार के मौके उपलब्ध हैं।

इस तरह, अपने सामान्य ज्ञान और अपनी पसंद के काम के बारे में विशिष्ट ज्ञान को समृद्ध करने के अलावा, तुम्हे अपने आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ रखना चाहिए और अपने दिन का कम से कम एक छोटा हिस्सा अपने मानसिक विकास के लिए सुरक्षित रखना चाहिए (अगर तुमने अब तक यह न किया हो तो तुम उन किताबों को एक-एक कर पढऩा शुरू कर सकते हो, जिनकी सूची फारवर्ड प्रेस के अंक में प्रकाशित की गई थी और जिन्हें पढऩा, मेरे विचार में हर युवक-युवती के लिए आवश्यक है)।

तुम्हें अपने सामाजिक मेलमिलाप और साक्षात्कार कौशल को भी बेहतर करने पर ध्यान देना चाहिए। इस मामले में फारवर्ड प्रेस के अप्रैल और मई, 2010 के अंकों में प्रकाशित मेरी सलाह पर तुम अमल कर सकते हो।

सबसे महत्वपूर्ण बात है ईश्वर पर विश्वास। उसने तुम्हें बनाया है, उसने तुम्हें सबसे अलग बनाया है और उसने तुम्हें एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए बनाया है। उस विशिष्ट उद्देश्य को खोजने की कोशिश करो जिसके लिए उसने तुम्हें बनाया है।

सप्रेम
दादू

लेखक के बारे में

दादू

''दादू'' एक भारतीय चाचा हैं, जिन्‍होंने भारत और विदेश में शैक्षणिक, व्‍यावसायिक और सांस्‍कृतिक क्षेत्रों में निवास और कार्य किया है। वे विस्‍तृत सामाजिक, आर्थिक और सांस्‍कृतिक मुद्दों पर आपके प्रश्‍नों का स्‍वागत करते हैं

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