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दूसरा विश्व आदिवासी फेसबुक युवाशक्ति महोत्सव अक्टूबर में

आमतौर पर आदिवासियों का नाम आते ही हमारे सामने विकास से वंचित लोगों की तस्वीर आ जाती है। लेकिन मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में 16 मई, 2013 को जो आदिवासी जमावड़ा हुआ उसका नजारा इस आम सोच के ठीक विपरीत था

मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल बड़वानी जिले में प्रथम फेसबुक आदिवासी युवाशक्ति समारोह 16 मई को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। समारोह में समाज के पढे-लिखे युवाओं ने पूरे जोशो-खरोश से भाग लिया। समारोह की सफलता को देखते हुए युवाओं ने दूसरे विश्व आदिवासी फेसबुक युवाशक्ति समारोह की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। इस महापंचायत कोमध्यप्रदेश के इंदौर शहर में इस साल के अक्टूबर में आयोजित करने की तैयारियां चल रही हैं।

आमतौर पर आदिवासियों का नाम आते ही हमारे सामने विकास से वंचित लोगों की तस्वीर आ जाती है। लेकिन मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में 16 मई को जो आदिवासी जमावड़ा हुआ उसका नजारा इस आम सोच के ठीक विपरीत था। आयोजन की खबर फेसबुक से मिलते ही मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और झारखंड के पढ़े-लिखे लगभग 250 आदिवासी युवा कार्यक्रम में भाग लेने पहुंच गए। इस तरह देश की पहली फेसबुक आदिवासी पंचायत सफल हो गई। इस पंचायत का विचार दिल्ली के एम्स में 31 वर्षीय आदिवासी समुदाय के सीनियर रेजिडेंट डॉ. हीरालाल अलावा के मन में एक साल पहले आया था। मूलत: धार जिले के रहने वाले हीरालाल आदिवासियों की वास्तविक समस्याओं को सामने लाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने फेसबुक जैसे सामुदायिक साईट का उपयोग किया। उन्होंने आदिवासियों से जुड़े मुद्दों को लेकर फेसबुक पर पोस्ट डालने शुरू किए, जिनपर जल्द ही प्रतिक्रियाएं मिलने लगीं। देखते-ही-देखते आदिवासी समुदाय के लगभग 1,500 युवा फेसबुक पर उनसे जुड़ गए। फेसबुक पर आदिवासी युवाओं की संख्या 10,000 से भी ज्यादा है ।

फेसबुक पर युवाओं ने अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याओं को साझा करना शुरू किया। चिलचिलाती गर्मी में पांच घंटे तक चली इस पंचायत में युवाओं ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं का जिक्र किया। डॉ. अलावा ने फारवर्ड प्रेस को बताया कि देशभर के आदिवासी गरीबी और अशिक्षा की वजह से शोषण का शिकार हो रहे हैं और उनकी स्थिति उच्च शिक्षा के जरिए ही बेहतर हो सकती है। इस विचार को पोस्ट करने के बाद सभी फेसबुक साथियों ने मिलना तय किया और इस तरह पहली फेसबुक पंचायत की नींव तैयार हुई। यह अनोखी फेसबुक पंचायत बड़वानी के कृषि उपज मंडी में आयोजित की गई थी। इन संगठनों से जुड़े युवा अपने समाज से जुड़ी गतिविधियों को पोस्ट करते हैं और लगातार फेसबुक चैटिंग व मैसेजिंग के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं।

(फारवर्ड प्रेस के जुलाई 2013 अंक में प्रकाशित)

लेखक के बारे में

अमरेन्द्र यादव

अमरेन्द्र यादव फारवर्ड प्रेस के प्रमुख संवाददाता हैं।

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