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जमीन के बदले जेल

पश्चिम चम्पारण, बगहा की रहने वाली ज्ञान्ति देवी ने कहा कि भले ही हमलोग अनपढ़ हैं, मगर खेती कार्य अच्छी तरह कर लेते हैं। उन्होंने कहा, वनभूमि कानून, 2006 के तहत वनभूमि का पट्टा नहीं दिया जा रहा है। जमीन का पट्टा देने के बदले लोगों को जेल में बंद कर दिया जा रहा है

पटना : पिछले 30 नवंबर को पटना में एकता परिषद् की ओर से एक सभा का आयोजन किया गया। सभा का आयोजन पटना के एसके मेमोरियल हॉल में किया गया था। सभा में पूरे सूबे से संस्था के कार्यकर्ता, पदाधिकारी व प्रमुख लोग पहुंचे। इस अवसर पर एकता परिषद् के राष्ट्रीय समन्वयक प्रदीप प्रियदर्शी ने कहा कि जहां नरसंहार कर धरती को लाल कर दिया जाता था, आज वहां गैर सरकारी संस्थाओं और ग्रामीणों के सहयोग से खेती संभव हो सकी है। उन्होंने कहा बिहार ही एक ऐसा राज्य है जहां कृषि कैबिनेट बनाया गया है और सरकार से आग्रह किया गया है कि कृषि कैबिनेट को महिला केन्द्रित बनाया जाए।

पश्चिम चम्पारण, बगहा की रहने वाली ज्ञान्ति देवी ने कहा कि भले ही हमलोग अनपढ़ हैं, मगर खेती कार्य अच्छी तरह कर लेते हैं। उन्होंने कहा, वनभूमि कानून, 2006 के तहत वनभूमि का पट्टा नहीं दिया जा रहा है। जमीन का पट्टा देने के बदले लोगों को जेल में बंद कर दिया जा रहा है। झूठा मुकदमा कर दिया जाता है। सरकार दलित, महादलित, आदिवासी व वंचित समुदायों की मदद करने के बदले उसे सताने में लगी है। 

(फारवर्ड प्रेस के जनवरी, 2014 अंक में प्रकाशित )


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राजीव मणि

राजीव मणि फारवर्ड प्रेस के पटना संवाददाता हैं।

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