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भिखारी ठाकुर के ‘बिदेसिया’ की चोरी?

भिखारी ठाकुर के प्रथम नाटक 'बिदेसिया’ की पटकथा, संवाद और गीतों की चोरी कर लेखक के नाम की जगह निर्देशक रंजन कुमार सिंह का ही नाम लिखा गया है

छपरा (बिहार) : भिखारी ठाकुर के पोते राजेंद्र प्रसाद ठाकुर ने मुख्य न्याायिक दंडाधिकारी, छपरा के न्यायालय में 21, मार्च 2012 को ‘बिदेसिया’ फिल्म के निर्माता अभय सिन्हा, निर्देशक रंजन कुमार सिंह और यशी फिल्मस् प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कॉपीराइट चोरी का मुकदमा दर्ज किया था। भिखारी ठाकुर के प्रथम नाटक ‘बिदेसिया’ की पटकथा, संवाद और गीतों की चोरी कर लेखक के नाम की जगह निर्देशक रंजन कुमार सिंह का ही नाम लिखा गया है। जबकि फिल्म का प्रचार-प्रसार भिखारी ठाकुर के ‘बिदेसिया’ नाम से किया गया है। नाटक में गैर कानूनी तरीके से हेरफेर करने का भी आरोप लगाया गया है।

जब भिखारी ठाकुर के परिवारवाले फिल्म के निर्माता और निर्देशक से मिलना चाहा, तब उनलोगों ने मिलने से इनकार कर दिया। बिहार-राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना से ‘भिखारी ठाकुर रचनावली’ 2005 में प्रकाशित हो चुकी है, जिसका कॉपीराइट बिहार राष्ट्रभाषा परिषद् के पास है। इसकी रॉयल्टी भिखारी ठाकुर के परिवार को मिलता है। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, छपरा ने ‘बिदेसिया’ फिल्म के निर्माता-निर्देशक के विरुद्ध 12 मार्च, 2014 को गैर जमानती वारंट जारी किया है।

 

(फारवर्ड प्रेस के अप्रैल 2014 अंक में प्रकाशित)


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लेखक के बारे में

अमलेश प्रसाद

अमलेश प्रसाद फारवर्ड प्रेस के छपरा संवाददाता हैं।

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