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दलित-बहुजन पेज 3 : जुलाई 2014

गत् 27 मई को उत्तर प्रदेश के बदायूं जिला के कटरा शहादतगंज गांव में शाक्य मौर्य (ओबीसी) समुदाय की दो नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार कर उनकी लाश पेड़ पर लटका दिए जाने के फोटोग्राफ्स मीडिया में जारी होने के बाद देशभर में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा

नई दिल्ली : गत् 27 मई को उत्तर प्रदेश के बदायूं जिला के कटरा शहादतगंज गांव में शाक्य मौर्य (ओबीसी) समुदाय की दो नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार कर उनकी लाश पेड़ पर लटका दिए जाने के फोटोग्राफ्स मीडिया में जारी होने के बाद देशभर में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। दिल्ली से लेकर जिला मुख्यालयों तक में इसके विरोध में धरना-प्रदर्शन का अयोजन किया गया।

 

गत् जून को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर कुशवाहा समाज, दिल्ली के अध्यक्ष सुरेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में ‘बदायूं बलात्कार एवं हत्या विरोधी मंच’ द्वारा विशाल प्रदर्शन किया गया। सुरेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी जति मौर्या, शाक्य व कुशवाहा जातियों का भयानक उत्पीडऩ कर रही है। उन्होंने कहा कि इन जातियों को लोकसभा चुनाव में नरेद्र मोदी को वोट देने की सजा दी जा रही है। इस अवसर पर विमल कुमार, शत्रुघन सिंह शाक्य, डॉ. हरिरमा मौर्या, जय भगवान सैनी, हिमाद्री कुशवाहा, गीता शाक्य व दिनेश मौर्या, राजेश कुशवाहा, प्रेमचंद प्रजापति आदि ने कहा कि शाक्य, मौर्या, कुशवाहा, सैनी, काछी आदि जातियां सामाजिक रूप से काफी कमजोर हैं। इनके संरक्षण के लिए केंद्र व राज्य सरकार को विशेष प्रावधान करने चाहिए।

 

 

(फारवर्ड प्रेस के जुलाई, 2014 अंक में प्रकाशित)


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एफपी डेस्‍क

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