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मध्यप्रदेश के स्कूलों में पढ़ाया जाएगा फुले दंपति का आंदोलन

मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने स्कूलों में महान दलित-बहुजन समाज सुधारक जोतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले के संघर्ष की कहानी पढाने का फैसला किया है

भोपाल : मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने स्कूलों में महान दलित-बहुजन समाज सुधारक जोतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले के संघर्ष की कहानी पढाने का फैसला किया है। साथ ही पाठ्यक्रम में जैन संत तरुण सागर जी द्वारा बताए जीवन कीे सफ लता के सूत्रों पर आधारित एक पाठ भी शामिल किया जाएगा। इन तीनों की जीवनी स्कूलों के कक्षा 6 से 8 तक के पाठ्यक्रम में शामिल होगी और आगामी सत्र से इसे विद्यार्थियों को पढाया जाएगा। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि फुले दंपति की जीवनी में उनके सामाजिक सुधार आंदोलन के किस भाग को रेखांकित किया जाएगा। पाठ्यक्रम निर्धारण समिति के अध्यक्ष कुमारवत ने बताया कि समिति यह फैसला ले चुकी है और इसे इसी साल लागू किया जाएगा। विश्लेषकों की मानें तो भाजपा सरकार इस बहाने प्रदेश के दलित और ओबीसी वर्ग में अपनी पार्टी का जनाधार बढाने की कोशिश कर रही है।

 

फारवर्ड प्रेस के जुलाई, 2014 अंक में प्रकाशित)


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लेखक के बारे में

ताबिश बलभद्र

मनवाधिकारकर्मी ताबिश बलभद्र फारवर्ड प्रेस समेत अनेक संस्थानों में बतौर पत्रकार काम कर चुके हैं। उन्होंने माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता व संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पीएचडी की है

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