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याद किए गए आंबेडकर

डा. भीमराव आम्बेडकर के 58वे परिनिर्वाण दिवस पर देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित हुए। इस अवसर पर भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज (भावाधस) की ओर से एक कार्यक्रम गुरु नानक भवन, लुधियाना (पंजाब) में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में पंजाब के उपमुख्यमंत्री सरदार सुखबीर सिंह बादल मुख्य अतिथि थे

डा. भीमराव आम्बेडकर के 58वे परिनिर्वाण दिवस पर देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित हुए। इस अवसर पर भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज (भावाधस) की ओर से एक कार्यक्रम गुरु नानक भवन, लुधियाना (पंजाब) में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में पंजाब के उपमुख्यमंत्री सरदार सुखबीर सिंह बादल मुख्य अतिथि थे। भावाधस के राष्ट्रीय निर्देशक डॉ देव सिंह अद्वेती महाराज ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। सुखबीर सिंह बादल ने बताया कि अमृतसर में ढाई सौ करोड़ रुपये की लागत से वाल्मीकि तीर्थ का निर्माण किया जा रहा है और लुधियाना में आंबेडकर भवन का निर्माण कार्य शुरू किया जा चुका है।

भागलपुर (बिहार) में ‘बिहार प्रदेश दलित-महादलित युवक संघ’ के सदस्यों ने इसे संकल्प दिवस के रूप में मनाते हुए सुबह रेलवे स्टेशन के पास आंबेडकर चौक पर बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के आंबेडकर और समाजकार्य विभाग में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ दलित चिन्तक डा. विलक्षण रविदास ने की और उद्घाटन प्रतिकुलपति ए के राय ने किया। दिल्ली में दिल्ली विश्वविद्यालय के मानसरोवर हॉस्टल में एक कार्यक्रम मानसरोवर हॉस्टल स्टूडेंट्स यूनियन की तरफ से आयोजित किया गया, जिसमें कई बुद्धिजीवी व आम्बेडकरवादी चिंतकों सहित शोध छात्र-छात्राओं ने शिरकत की। उत्तरप्रदेश के बस्ती में परिनिर्वाण दिवस की पूर्व संध्या पर कैंडल मार्च निकाला गया, जिसमें सैकड़ो लोगों ने भाग लिया। मार्च में ‘जय भीम’ और ‘बुद्धम शरणम गच्छामि’ के नारे भी लगे। मार्च की अगुआई वामसेफ के राम प्रसाद आर्य ने की। हरियाण के नारनौल में ‘हरियाणा अनुसूचित जाति-जनजाति कर्मचारी कल्याण संघ’ के तत्वावधान में बाबा साहेब का परिनिर्वाण दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत तहसीलदार लालाराम नाहर थे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता बी. एस. सूंठवाल ने की।

इस अवसर पर लखनऊ में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने बाबा साहेब के अस्थि कलश पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजली दी। विधानसभा मार्ग स्थित आंबेडकर महासभा परिसर में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्य अतिथि राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि संविधान निर्माण कोई आसान काम नहीं था, जिसे बाबा साहेब ने कर दिखाया। उन्होनें कहा कि बचपन में उन्हें बाबा साहेब को अपनी आंखों से देखने का सौभाग्य मिला था। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि बाबा साहेब दलित-पिछड़ों के मसीहा थे। इस अवसर पर राज्यपाल ने दलित उद्यमी व डिक्की के वाइस चेयरमैन सुकेश राजन तथा दलित छात्रा साक्षी विद्यार्थी को ‘डा. भीमराव आम्बेडकर रत्न’ पुरस्कार भी प्रदान किया। कार्यक्रम में महासभा के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल, कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी, पूर्व डीजीपी श्रीराम अरूण, पूर्व आईजी एसआर दारापुरी, किन्नर संघ के अध्यक्ष सोनम सिंह यादव, रंगकर्मी श्याम कुमार, अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ के अध्यक्ष बीरेन्द्र कुमार मौर्या सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

राजेश मंचल, ओम सुधा, जगदीश सौरभ, एकुमार सेन, संजय मान, अंकित पाल

(फारवर्ड प्रेस के जनवरी, 2015 अंक में प्रकाशित)


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