नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में अनुसूचित जाति और जनजाति के कर्मचारी पदोन्नति में आरक्षण के पात्र हैं और बैंकों को यह निर्देश दिया है कि श्रेणी-1 से लेकर श्रेणी-6 तक के पदों पर पदोन्नति में आरक्षण का कोटा निर्धारित किया जाये। अदालत ने सेंट्रल बैंक इंडिया के इस तर्क को खारिज कर दिया कि श्रेणी-1 से उन पदों पर पदोन्नति में आरक्षण का प्रावधान नहीं है, जिनका मूल वेतन रूपये 5,700 से अधिक है और यह कि पदोन्नति, योग्यता पर निर्भर होनी चाहिए। जस्ती चेलामेस्वर व ए.के. सीकरी की बैंच ने अनुसूचित जाति व जनजाति के बैंक कर्मचारियों के संघ की याचिका को सार्वजनिक प्रतिष्ठान विभाग के एक कार्यालयीन परिपत्र के आधार पर स्वीकार कर लिया। 8 नवंबर, 2004 को जारी इस परिपत्र में रूपये 5,700 की वेतन सीमा को पांचवे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप, रूपये 18,300 व सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों के मामले में रूपये 20,800 की गई थी। ”उपयुक्त सीमा, अपीलकर्ता बैंक के मामले में तभी लागू होगी जब कोई अधिकारी श्रेणी-7 के पद पर पहुंच जाये। अत: पदोन्नति में आरक्षण पर रोक केवल श्रेणी-7 और उससे उच्च पदों पर ही लागू होगी”, न्यायालय ने कहा।
(फारवर्ड प्रेस के फरवरी, 2015 अंक में प्रकाशित )
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