h n

लालू की गुहार के बावजूद झारखंड सरकार ने विमान के बजाय ट्रेन से भेजा एम्स

राजद प्रमुख लालू प्रसाद बीमार चल रहे हैं। उन्हें बुधवार को दिल्ली ले जाया गया। बीमारी के कारण वे अपने खर्च से विमान से जाना चाहते थे लेकिन झारखंड सरकार ने उनके अनुरोध को ठुकरा दिया। यहां तक कि उनके साथ एक डॉक्टर तक नहीं भेजा गया

चारा घोटाला के मामले सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले के कारण जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद बीमार हैं। उन्हें मधुमेह व उच्च रक्तचाप सहित कई बीमारियों ने घेर रखा है। इससे पहले उन्हें रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था। लेकिन स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर चिकित्सकों ने उन्हें दिल्ली एम्स के लिए रेफर कर दिया। चिकित्सकों की अनुशंसा पर सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश प्रदीप कुमार ने उन्हें दिल्ली भेजे जाने पर सहमति दी। राज्य सरकार उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच राजधानी एक्सप्रेस से बुधवार को दिल्ली ले गयी। जबकि लालू प्रसाद ने राज्य सरकार से विमान से भेजने का अनुरोध किया था और विमान का खर्च खुद वहन करने की बात कही थी।

विमान की जगह ट्रेन से कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली ले जाये जाते लालू प्रसाद

 

इस संबंध में झारखंड प्रदेश की राजद अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी ने रघुवरदास सरकार पर लालू प्रसाद के अनुरोध को राजनीतिक कारणों से उपेक्षा करने का आरोप लगाया। फारवर्ड प्रेस के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लालू प्रसाद के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर नहीं है। वह ऐसा राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण कर रही है। वहीं लालू प्रसाद के सहयोगी सह राजद विधायक भोला यादव ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि विमान का खर्च वहन करने की हमलोगों के द्वारा कही गयी थी। लेकिन राज्य सरकार ने अनसुना कर दिया। भोला यादव ने यह भी बताया कि राज्य सरकार द्वारा एक डॉक्टर तक मुहैया नहीं कराया।

ट्रेन में अपने बर्थ पर सोये लालू प्रसाद

 

राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान के सुपरिटेंडेंट एस. के. चौधरी के मुताबिक अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने जांचोपरांत अपनी अनुशंसा में लालू प्रसाद को दूसरे बड़े अस्पताल में शिफ्ट करने की बात कही। लालू उच्च मधुमेह, रक्तचाप और किडनी में पत्थर आदि बीमारियों से ग्रस्त हैं।

लालू प्रसाद को चारा धोटाले में अबतक तीन मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है। इनमें उन्हें तीन वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक की सजा सुनायी गयी है। गौरतलब है कि अस्वस्थता के आधार पर लालू प्रसाद ने कोर्ट से जमानत की अपील की थी जिसे सीबीआई की अदालत ने खारिज कर दिया था। सीबीआई की ओर से कहा गया था कि वे स्वस्थ हैं और जमानत दिये जाने पर सरकार के खिलाफ राजनीति करते हैं। जबकि स्वास्थ्य के आधार पर ही जगन्नाथ मिश्रा को जमानत दी गयी थी।

गया जंक्शन पर अपने समर्थकों का अभिवादन करते लालू प्रसाद

 

बहरहाल, राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए रवाना हुए लालू प्रसाद का विभिन्न स्टेशनों पर स्वागत किया गया। गया जंक्शन पर बड़ी संख्या में लालू प्रसाद के समर्थक मौजूद थे। लालू प्रसाद भी इस मौके पर ट्रेन के दरवाजे तक आये और अपने समर्थकों का अभिवादन किया। इस मौके पर उनकी पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी उनसे मिलने पहुंची थीं। राजधानी एक्सप्रेस गया जंक्शन पर करीब 7 मिनट रूकी। राजद समर्थकों ने लालू प्रसाद के समर्थन में नारे लगाये।


फारवर्ड प्रेस वेब पोर्टल के अतिरिक्‍त बहुजन मुद्दों की पुस्‍तकों का प्रकाशक भी है। एफपी बुक्‍स के नाम से जारी होने वाली ये किताबें बहुजन (दलित, ओबीसी, आदिवासी, घुमंतु, पसमांदा समुदाय) तबकों के साहित्‍य, सस्‍क‍ृति व सामाजिक-राजनीति की व्‍यापक समस्‍याओं के साथ-साथ इसके सूक्ष्म पहलुओं को भी गहराई से उजागर करती हैं। एफपी बुक्‍स की सूची जानने अथवा किताबें मंगवाने के लिए संपर्क करें। मोबाइल : +919968527911, ईमेल : info@forwardmagazine.in

फारवर्ड प्रेस की किताबें किंडल पर प्रिंट की तुलना में सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं। कृपया इन लिंकों पर देखें :

बहुजन साहित्य की प्रस्तावना 

महिषासुर एक जननायक’

महिषासुर : मिथक व परंपराए

दलित पैंथर्स : एन ऑथरेटिव हिस्ट्री : लेखक : जेवी पवार 

जाति के प्रश्न पर कबी

चिंतन के जन सरोकार

लेखक के बारे में

नवल किशोर कुमार

नवल किशोर कुमार फॉरवर्ड प्रेस के संपादक (हिन्दी) हैं।

संबंधित आलेख

पुष्यमित्र शुंग की राह पर मोदी, लेकिन उन्हें रोकेगा कौन?
सच यह है कि दक्षिणपंथी राजनीति में विचारधारा केवल आरएसएस और भाजपा के पास ही है, और उसे कोई चुनौती विचारहीनता से ग्रस्त बहुजन...
महाराष्ट्र : वंचित बहुजन आघाड़ी ने खोल दिया तीसरा मोर्चा
आघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने अपनी ओर से सात उम्मीदवारों की सूची 27 मार्च को जारी कर दी। यह पूछने पर कि वंचित...
‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा में मेरी भागीदारी की वजह’
यद्यपि कांग्रेस और आंबेडकर के बीच कई मुद्दों पर असहमतियां थीं, मगर इसके बावजूद कांग्रेस ने आंबेडकर को यह मौका दिया कि देश के...
इलेक्टोरल बॉन्ड : मनुवाद के पोषक पूंजीवाद का घृणित चेहरा 
पिछले नौ सालों में जो महंगाई बढ़ी है, वह आकस्मिक नहीं है, बल्कि यह चंदे के कारण की गई लूट का ही दुष्परिणाम है।...
कौन हैं 60 लाख से अधिक वे बच्चे, जिन्हें शून्य खाद्य श्रेणी में रखा गया है? 
प्रयागराज के पाली ग्रामसभा में लोनिया समुदाय की एक स्त्री तपती दोपहरी में भैंसा से माटी ढो रही है। उसका सात-आठ माह का भूखा...