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डीयू में एमफिल-पीएचडी का परीक्षा परिणाम 10 प्रतिशत से भी कम

दिल्ली विश्वविद्यालय में इस बार एमफिल और पीएचडी के परीक्षा परीक्षा परिणाम बहुत ज्यादा चौंकाने वाले आए हैं। पीएचडी के लिए 30 सीटों के लिए तीन ही छात्र पास हुए हैं, तो एमफिल में 25 सीटों पर भी सिर्फ तीन छात्र ही उत्तीर्ण हुए हैं। जबकि अंग्रेजी में एससी, एसटी का एक भी छात्र पास नहीं हुआ है

नई दिल्ली : इस बार दिल्ली विश्वविद्यालय में एमफिल और पीएचडी के प्रवेश परीक्षा परिणाम बहुत ज्यादा चौंकाने वाले हैं। इस बार डीयू के कई विभागों में सीटों की संख्या के हिसाब से 10 प्रतिशत से भी कम छात्र पास हुए हैं। यही नहीं, ईस्ट एशियन स्टडीज में तो पीएचडी की प्रवेश परीक्षा देने वाले सभी छात्र फेल हो गए हैं। इस विभाग में पीएचडी के लिए सात सीटें हैं। यहां के अंग्रेजी विभाग के प्रो. अनिल अनेजा ने बताया कि उनके यहां एससी और एसटी वर्ग में कोई छात्र एमफिल की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाया है। वहीं, दूसरे छात्र भी बहुत कम संख्या में परीक्षा उत्तीर्ण कर पाए हैं। माडर्न इंडियन लैंग्वेज, डिपार्टमेंट ऑफ एडल्ट एजुकेशन, फारेंसिक साइंस, फिजिक्स डिपार्टमेंट, हिस्ट्री, फिलासफी सहित कई विभागों में सीटों की संख्या से बहुत कम छात्र प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर पाए हैं।
अफ्रीकन स्टडीज के विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार के अनुसार, यहां 25 सीटों पर प्रवेश होने हैं, जबकि केवल तीन छात्र एमफिल की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर पाए हैं। इतिहास में पीएचडी के लिए 30 सीटों पर सिर्फ तीन छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। माडर्न इंडियन लैंग्वेज विभाग में 35 सीटों पर केवल एक छात्र ही पास हो सका है। जबकि इनमें से 16 सीटें प्रवेश परीक्षा के आधार पर भरी जानी हैं। ईस्ट एशियन स्टडीज की विभागाध्यक्ष डॉ. उनीता सच्चिदानंद ने बताया कि उनके विभाग में सात सीटों पर एक भी छात्र प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सका है। उन्होंने कहा कि इसके लिए वे डीयू को पत्र लिखेंगी और डीयू द्वारा जारी निर्देश के अनुसार फैसला करेंगी।
बता दें कि इस वर्ष विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने एमफिल और पीएचडी की प्रवेश परीक्षा में 50 प्रतिशत अंक पाने की बाध्यता रखी थी।

 


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लेखक के बारे में

प्रेम बरेलवी

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के प्रेम बरेलवी शायर व स्वतंत्र पत्रकार हैं। इनकी कई रचनाएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं

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