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किन्नर कैलाश देखने गए तीन बहे, अपर किन्नौर और काजा देश से कटा

हिमाचल के दुर्गम जनजातीय जिले किन्नौर में बीते शुक्रवार को तेज बारिश के कारण आयी तेज बाढ़ में तीन पर्यटक देखते ही देखते बह गये। एनएच-5 पर बड़े-बड़े पत्थरों ने रास्ते को बाधित कर दिया है। करीब 60 की संख्या में पर्यटक फंसे हैं। फारवर्ड प्रेस के लिए किन्नौर से लकी नेगी की खबर :

बचाव दल ने बचायी 163 लोगों की जान

रिकांगपिओ (हिमाचल प्रदेश) : हिमाचल के दुर्गम जनजातीय जिले किन्नौर की  किन्नर कैलाश की पहाडि़यों पर शुक्रवार को हुई तेज बारिश के चलते बाढ़ आने से एक महिला श्रद्धालु सहित तीन लोगों के बहने की सूचना है। करीब 60 श्रद्धालु फंसे हैं। ये सभी किन्नर कैलाश का दर्शन कर लौट रहे थे।

बाढ़ के कारण फंसे पर्यटक

घटना तब हुई, जब ये लोग एक नाले को पार करने की कोशिश कर रहे थे। मृतक महिला की पहचान हो गयी है। उसका नाम संगीता मौर्य था। वह पुणे (महाराष्ट्र) की बताई जा रही है। वहीं एक किन्नर कैलाश के पास एक नाले में कुलदीप ठाकुर के बहने की सूचना मिली है। वह शिमला का रहने वाला है। हालांकि पुलिस को इस मामले में कोई और जानकारी नहीं मिल सकी है। तीसरे व्यक्ति के बारे में पुलिस खोजबीन में लगी है।

किन्नर कैलाश के निकट रिब्बा गाँव में 27 जुलाई को अपराह्न लगभग 4 बजे तेज बारिश के चलते अचानक रालांग नामक खड़ में ज़ोर से आवाज़ आई तथा उसके एक घंटे बाद पूरा नाला पानी के तेज बहाव के साथ बड़े-बड़े पत्थरों, पेड पौधों को अपने साथ लिए सीधा एनएच 5 पर आ गया। एनएच के बीच का  लम्बा पुल भी इस बाढ़ की चपेट में आ गया। गांव के प्रधान प्रेम नेगी ने बताया कि बहाव में काफी बडे पत्थर आये हैं, जिन्हें अभी हटाना मुश्किल है। फिलहाल सड़क बन्द है। मार्ग अवरुद्ध होने के कारण हज़ारों पर्यटक भी वापिस रिकांगपिओ की ओर चले गए हैं। बड़े-बड़े पत्थरो के गिरने से पूरा अप्पर किन्नौर और काज़ा  देश के अन्य हिस्सों से कट चुका है। हालांकि खबर लिखे जाने तक रिब्बा रांलंग खड्ड को लकड़ी का छोटा पुल बनाकर लोगों के चलने के लिए खोल दिया गया था।

राहत व बचाव कार्य हेतु जिला प्रशासन ने की बैठक

डॉ. आंबेडकर की पुस्तक ‘जाति का विनाश’ अमेजन पर उपलब्ध

घटना की जानकारी मिलते ही किन्नौर प्रशासन द्वारा हिमाचल पुलिस व  होमगार्ड के संयुक्त संयुक्त दल को रवाना कर दिया गया है। इस संबंध में डीसी किन्नौर मेजर डा. अविनंद्र शर्मा ने बताया कि तेज बारिश व नाले में बाढ़ का पानी काफी ज्यादा होने के कारण बचाव टीम घटनास्थल तक नहीं पहुंचने में मुश्किलें हो रही थी। लेकिन तमाम बाधाओं को पार करते हुए बचाव दल ने 163 लोगों को सुरक्षित बचा लिया। अन्य फंसे करीब साठ लोगों को बचाने के लिए बचाव दल जुटा है।

 

(कॉपी एडिटर : नवल)


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लेखक के बारे में

लक्की नेगी

किन्नौर के कानम गांव के निवासी लक्की नेगी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की है। पर्यटन उद्योग से संबद्ध लकी एक ऐसे बौद्ध परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जो सैंकडों वर्ष प्राचीन अनेकानेक दुर्लभ बौद्ध कलाकृतियों का वारिस है

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