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झारखंड में बड़े पैमाने पर होगी असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति, आवेदन करने से पहले पढ़ें यह खबर

झारखंड में करीब एक दशक बाद असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पड़े पदों के लिए बहाली प्रक्रिया शुरू तो हुई है, लेकिन यह बहाली 1980 में सृजित पदों के अनुसार ही होगी। जबकि पिछले 10 सालों में झारखंड की शिक्षा में काफी बदलाव आया है। वोकेशनल कोर्स के लिए एक भी शिक्षक की नियुक्ति के लिए वेकेंसी नहीं निकाली गयी है, इसके कारण वोकेशनल कोर्स के शिक्षकों में निराशा है। इसके अलावा विशद कुमार दे रहे हैं आवेदन करने संबंधी पूरी जानकारी

करीब 10 वर्षों बाद झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा 1, 118 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गयी है। इसमें 552 नियमित और 566 बैकलॉग के पद हैं।  हालांकि 2008 में जब 800 असिस्टेंट प्रोफसर की बहाली हुई थी, तब कई सारी अनियमितताओं का खुलासा हुआ था। बाद में एक जांच कमिटी का गठन कर जांच का जिम्मा भी दिया गया था लेकिन रिपोर्ट अभी तक सामने नहीं आयी है। अब जबकि एक दशक बाद बहाली प्रक्रिया फिर से शुरू हुई है, कई सवाल खड़े हो गये हैं। सबसे बड़ा सवाल तो यही कि विभिन्न वोकेशनल कोर्सों के लिए पदों का सृजन ही नहीं किया गया है। जाहिर तौर पर वोकेशनल विषयों के अभ्यर्थियों को निराशा हुई है।

अतिथि शिक्षकों के भरोसे वोकेशनल कोर्सेज

गौर तलब है कि यह बहाली 1980 में सृजित पदों के अनुसार ही होगी। जबकि पिछले 10 सालों में झारखंड की शिक्षा में काफी बदलाव आया है। इस दौरान राज्य में तकनीकी शिक्षा के तहत कई सारे कोर्स आये, जैसे एमबीए, बीबीए, एमसीए, बीसीए, बायोटेक, एमजेएमसी और बीजेएमसी आदि वोकेशनल कोर्स राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में स्थापित हो चुके हैं। अत: इन कोर्सेज में सबसे अधिक  नामांकन होते हैं। कई विश्वविद्यालयों के वोकेशनल कोर्सेज की तो राष्ट्रीय स्तर की पहचान भी है, बावजूद यहां वर्तमान में भी इन विषयों के शिक्षक अनुबंध पर ही रखे जाते हैं। क्योंकि झारखंड में इन कोर्सेज के लिए शिक्षकों का पद ही सृजित नहीं है।

झारखंड लोक सेवा आयोग, रांची

विस्तार से बात करें, तो रांची विश्वविद्यालय में 1987 से पत्रकारिता विभाग स्थापित हो गया था, वर्तमान में अन्य विभागों की तुलना में यहां छात्रों की संख्या अच्छी संख्या में है, लेकिन यह विभाग आज भी अतिथि शिक्षकों के बूते पर ही चल रहा है। वहीं एमसीए विभाग 1997 में स्थापति हुआ। इस विभाग में छात्रों की संख्या काफी अधिक है, लेकिन यहां भी अतिथि शिक्षक ही बहाल हैं। वहीं, 2008 में रांची विश्वविद्यालय में एमबीए विभाग खुला, वर्तमान में हर सेमेस्टर में 100 छात्र हैं, इसी तर्ज पर बायोटेक, नैनोटेक आदि वोकेशनल कोर्सेज शुरू हुए, लेकिन यहां भी अुनबंध या गेस्ट शिक्षक के रूप में ही शिक्षक बहाल हैं।

यह स्थिति तब है जबकि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों ने वोकेशनल कोर्सेज में शिक्षकों की बहाली को लेकर उच्च शिक्षा एवं तकनीकी विभाग को पद सृजन हेतु कई पत्र लिखे, लेकिन विभाग की ओर से अभी तक कोई पहल इस दिशा में नहीं हुई है।

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इस संबंध में रांची विश्वविद्यालय के वोकेशनल कोर्स के को-ऑर्डिनेटर डॉ ए. के. चौधरी बताते हैं कि वर्तमान में वोकेशनल कोर्सेज छात्रों की पहली पसंद हैं। सबसे ज्यादा नामांकन इन्हीं कोर्सों में होता है। इसको लेकर कई बार विश्वविद्यालय की ओर से यहां के शिक्षकों के पद सृजन के लिए विभाग को पत्र लिखा गया, लेकिन विभाग की ओर से अब तक कोई पहल नहीं की गयी है। राज्य सरकार के इस रूख का झारखंड वोकेशनल शिक्षक संघ ने विरोध किया है। शिक्षक संघ जल्द ही सरकार से वोकेशन शिक्षकों के लिए पद सृजन की मांग को लेकर एचआरडी विभाग या शिक्षा मंत्री से मिलेगा। मांग नहीं पूरी होने पर संघ की ओर से आंदोलन किया जायेगा।

वहीं उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा ने कहते हैं कि मामला जटिल है। विभाग में उन्होंने हाल में ही योगदान दिया है। अधिकारियों से विचार-विमर्श करने के बाद ही सरकार इस दिशा में कोई पहल कर सकती है।

आवेदन करने के लिए जेट या नेट उत्तीण होना जरुरी

खैर, अभी जो वैकेंसी सामने आयी है उसमें भी कई पेंचोखम हैं। मसलन राज्य के कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1,118 पदों पर होनेवाली नियुक्ति से झारखंड के हजारों अभ्यर्थी वंचित होंगे। जेपीएसएसी से होनेवाली इस नियुक्ति में इस पद के लिए संबंधित विषय में न्यूनतम 55 फीसद स्नातकोत्तर के साथ नेशनल इलीजिबिलिटी टेस्ट (नेट) या झारखंड इलीजिबिलिटी टेस्ट (जेट) उत्तीर्ण होना अनिवार्य योग्यता निर्धारित की गई है। लेकिन राज्य में 2007 के बाद जेट परीक्षा हुई ही नहीं है।

आवेदन पत्र की प्रति

इस तरह, झारखंड के अभ्यर्थियों को जेट में शामिल होने का मौका दिए बिना ही नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गई। इससे वैसे अभ्यर्थी जिन्होंने 2007 के बाद स्नातकोत्तर किया है तथा जो नेट या पीएचडी उत्तीर्ण नहीं हैं, वे इन पदों पर नियुक्ति से वंचित रह जाएंगे। उल्लेखनीय है कि इन पदों पर होनेवाली नियुक्ति में 11 जुलाई 2009 से पहले पीएचडी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को नेट या जेट उत्तीर्ण होने से छूट प्रदान की गई है। यह भी उल्लेखनीय है कि झारखंड में 2007 में हुई पहली जेट परीक्षा में कई गड़बड़ियां सामने आई थीं। तो क्या इसमें उत्तीर्ण अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे? निगरानी जांच के क्रम में यह भी बात सामने आई कि इस परीक्षा की कॉपियां जेपीएससी से गायब हो गई थीं। जेपीएससी कई परीक्षाओं की सीबीआइ जांच अभी भी चल रही है, जिसमें व्याख्याता नियुक्ति भी शामिल है।

दिव्यांगों के पद नदारद

वहीं असिस्टेंट प्रोफेसर के बैकलॉग पदों में दिव्यांगों के पद नहीं होने पर सवाल उठ रहा है। नियमित नियुक्ति के पदों में भी लो विजन के दिव्यांगों के लिए पद तो हैं लेकिन शारीरिक व श्रव्य दिव्यांग के लिए पद नहीं है। कई दिव्यांग अभ्यर्थियों का कहना है कि पूर्व में हुई नियुक्ति तथा पॉलीटेक्निक में शिक्षकों की हुई नियुक्ति में सभी कोटि के दिव्यांगों के लिए पद आरक्षित थे।

ऐसे करें आवेदन, होगी सहूलियत

असिस्टेंट प्रोफेसर पदों की 1,118 वैकेंसी के लिए जेएपीएससी ने अधिसूचना जारी कर दी है। योग्य और इच्छुक उम्मीदवार अधिकारिक वेबसाइट www.jpsc.gov.in पर जाकर नोटिफिकेशन देख आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2018 निर्धारित है।

आरक्षण का लाभ केवल झारखंड राज्य के स्थायी निवासी को झारखंड सरकार द्वारा जाति प्रमाण पत्र हेतु निर्धारित विहित प्रपत्र में उपायुक्त/अनुमंडल पदाधिकारी स्तर से निर्गत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर ही देय होगा। आवेदन पत्र में जाति प्रमाण पत्र के संबंध में किए गए प्रविष्टि के अनुरूप आवेदन पत्र के साथ संलग्न जाति प्रमाण पत्र की मूल प्रति अभिलेख सत्यापन के समय प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। अन्यथा अभ्यर्थिता रद्द कर दी जाएगी।

बता दें कि आवेदकों को ऑफलाइन ही आवेदन करना होगा। हालांकि रजिस्ट्रेशन फॉर्म वह ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं। आवेदक अपना फॉर्म पोस्ट के जरिये भेज सकते हैं या खुद जाकर भी दे सकते हैं।

आवेदन करते समय इन पांच बातों का रखें ख्याल  :

  • एप्लीकेशन ए-4 साइज के कागज पर प्रिंट करे। कागज मोटा हो। आप एप्लीकेशन www.jpsc.gov.in से डाउनलोड कर सकते हैं।
  • एप्लीकेशन फॉर्म नीले या काले बॉल पेन से ही भरें। एप्लीकेशन फॉर्म में काट-छांट नहीं होनी चाहिए।
  • एप्लीकेशन फॉर्म में नई फोटो ही लगाएं। पुरानी और अस्पष्ट फोटो के कारण एप्लीकेशन रद्द हो सकती है।
  • एप्लीकेशन फॉर्म के साथ इन दस्तावेजों को जरूर संलग्न करें :
  • एग्जामिनेशन फीस जमा करने की रसीद
  • दसवीं का सर्टिफिकेट और मार्कशीट
  • इंटरमीडिएट सर्टिफिकेट और उसकी मार्कशीट
  • ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट और मार्कशीट
  • पोस्ट ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट और मार्कशीट
  • NET/JET या इसके समानान्तर कोई परीक्षा पास की हो, उसका सर्टिफिकेट
  • M.Phil. डिग्री सर्टिफिकेट
  • Ph.D डिग्री सर्टिफिकेट
  • जिस लिफाफे में आवेदन पत्र भेज रहे हैं, उस लिफाफा के ऊपर विज्ञापन संख्या, विषय, विषय कोड और पद का नाम जिसके लिए आपने आवेदन किया है, जरूर लिखें। यह अनिवार्य है।

योग्यता :

उम्मीदवार नेट/जेट/पीएचडी हो. पोस्ट ग्रैजुएशन का हासिल अंक 55 प्रतिशत या इससे ज्यादा हो।

चयन प्रक्रिया :

नियुक्तियां इंटरव्यू के आधार पर होंगी।

किन यूनिवर्सिटीज में होगी नियुक्ति :

जिन विश्वविद्यालयों में नियुक्तियां होनी हैं, उनमें रांची विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विश्चविद्यालय, सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय और नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय प्रमुख हैं। इन विश्वविद्यालयों में 2008 के बाद असिस्टेंट प्रोफेसरों के पद पर कोई बहाली नहीं हुई है।

ऐसे करें आवेदन:

  1. आवेदन के लिए सबसे पहले उम्मीदवार को झारखंड पब्लिक सर्विस कमिशन की ऑफिशियल वेबसाइट www.jpsc.gov.in पर जायें।
  2. इसके बाद होमपेज पर दिए गए लेटेस्ट रिक्रूटमेंट्स/आेपनिंग्स(Latest Recruitments/Openings) हेडिंग के अंदर दिए गए  Recruitment of Assistant Professors (Backlog) in Universities of Jharkhand Advt.No. 05/2018 लिंक पर क्लिक करना होगा।
  3. इसे क्लिक करने के बाद एक नया पेज खुलेगा. वहां Application Form datd. 17-07-2018 पर क्लिक करें।
  4. आपके सामने एप्लिकेशन फाॅॅर्म खुल जाएगा। उसे डाउनलोड कर, प्रिंट लें।
  5. नोटिफिकेशन देखने के लिए आपको इसी पेज पर दिए गए Advertisement, datd. 17-07-2018 पर क्लिक करना होगा।
  6. फॉर्म ब्लू या ब्लैक पेन से भरने के बाद उसे झारखंड लोक सेवा आयोग, रांची के पते पर भेज दें। आप हाथों हाथ फॉर्म जमा भी कर सकते हैं।    

 

(कॉपी एडिटर : नवल)


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लेखक के बारे में

विशद कुमार

विशद कुमार साहित्यिक विधाओं सहित चित्रकला और फोटोग्राफी में हस्तक्षेप एवं आवाज, प्रभात खबर, बिहार आब्जर्बर, दैनिक जागरण, हिंदुस्तान, सीनियर इंडिया, इतवार समेत अनेक पत्र-पत्रिकाओं के लिए रिपोर्टिंग की तथा अमर उजाला, दैनिक भास्कर, नवभारत टाईम्स आदि के लिए लेख लिखे। इन दिनों स्वतंत्र पत्रकारिता के माध्यम से सामाजिक-राजनैतिक परिवर्तन के लिए काम कर रहे हैं

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