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बुजुर्ग आदिवासियों का होगा सम्मान, युवा करेंगे जंगल सत्याग्रह

देश का आदिवासी समाज हमेशा संघर्षशील और लड़ाका रहा है। 9 अगस्त के आदिवासी दिवस पर उसके आत्मसंघर्ष और अभिमान के कई रंग बिखरेंगे। उसकी युवा पीढ़ी जेल भरो आंदोलन चलाएगी, जंगल अधिकार दिवस पर मार्च करेगी और हकों के लिए आवाज देगी। वह नागरिक सम्मान जैसे कार्यक्रम भी कर रहे हैं जो पहली बार देखा जाएगा। फारवर्ड प्रेस की रिपोर्ट :

छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय जंगल सत्याग्रह शुरू कर रहा है। अनुसूचित जनजाति क्षेत्र की योजनाओं को ठीक से लागू ना करने के विरोध में छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को हर तबके का समर्थन मिल रहा है। प्रदेश के सभी ट्राइबल जिलों में 9 अगस्त को जंगल सत्याग्रह अभियान चलाया शुरू होगा। बस्तर, सरगुजा, जशपुर और अन्य इलाकों में आदिवासी सत्याग्रह कर उनके हक की मांग करेंगे। छत्तीसगढ़ के आादिवासी नेता अमरजीत भगत ने फारवर्ड प्रेस को बताया कि सरकार ने आदिवासियों के लिए जो कानून बनाया था उस पर उचित क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। इसके विरोध में अगस्त क्रांति की शुरुआत की जा रही है। भगत ने बताया कि पेसा कानून का पालन नहीं होने से अधिसूचित क्षेत्र में जो भी काम हो रहे हैं, वे आदिवासियों के हित में नहीं है। इसके कारण इन क्षेत्रों में उद्योंगों और खदानों के लिए ग्राम सभा के अनुमोदन के बिना ही जमीनें दे दी जा रही हैं जबकि इसका लोग काफी विरोध करते हैं।

आदिवासी समुदाय के लोग चाईबासा में आंदोलन की रणनीति बनाते हुए

आदिवासी प्रतिनिधि मनीष कुंजम ने कहा वह लोग मछली पकड़ने के लिए तालाब सुखाना चाहते हैं। हम उनके कब्जे में आने से रहे। वह कहते हैं, बस्तर में टाटा के लिए जो जमीन दी गई थी उसमें स्पष्ट कहा गया था कि यदि पांच साल के भीतर यदि उन जमीनों में कोई निर्माण नहीं होगा तो वह जमीन, मालिकों को वापस कर दी जाएगी। अमरजीत भगत कहते हैं कि कागजों में तो सब कुछ है पर इसका सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। विधानसभा में भी कई बार यह मुद्दा उठ चुका है। फिर भी हजारों एकड़ जमीन अभी भी उद्योग के कब्जे में ही है।

दरअसल छ्त्तीसगढ़ में वन कानून के तहत ना तो व्यक्तिगत और ना ही सामूहिक स्तर पर किसी तरह के वन अधिकार पत्र दिए जा रहे हैं। यह लंबे समय से चला आ रहा मुद्दा है। सभी जगह प्रशासन ने सभी का आवेदन निरस्त कर दिया गया है। आदिवासी समूहों की अपीलों का सरकार पर कोई असर नहीं है। भू-राजस्व संहिता, भूमि अधिकार में भी कटौती का प्रस्ताव है। इसमें धारा 165 के तहत सरकार उनकी सहमति के आधार पर उनकी जमीन किसी को भी दे सकती है। विरोध के बाद मामला ठंडे बस्ते में है लेकिन सरकार ने इस प्रस्ताव को वापस नहीं लिया है।

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बुजुर्ग आदिवासियों का होगा सम्मान

कोंडागांव व फरसगांव में विश्व आदिवासी दिवस पर लंजोड़ा के सामूहिक भवन में समाज के बुजुर्ग नागरिकों के सम्मान में कार्यक्रम है। तीन घंटे के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आदिवासियों प्रतिनिधियों ने विधायक मोहन मरकाम, संतराम नेताम और कलेक्टर नीलकंठ टेकाम समेत अन्य जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है। कार्यक्रम सर्व आदिवासी समाज फरसगांव करवा रहा है।

दिल्ली से मिल रही खबरों के मुताबिक राहुल गांधी रायपुर में आदिवासी जंगल सत्याग्रह में शामिल होंगे (फाइल फोटो)

यहां के आदिवासी समाज संगठन के सचिव महेश नाग ने हमें बताया कि समाज के लोग एक दिन का ऐच्छिक अवकाश लेकर पारंपरिक वेशभूषा में कार्यक्रम में शामिल होंगे। आदिवासी समाज की संस्कृति और परंपरा के संवाहक घोटुल लया लयोरों द्वारा विभिन्न वाद्ययंत्रों के साथ लोकनृत्यों की प्रस्तुति दी जाएगी। इसके अलावा स्कूली छात्र भी सांस्कृतिक और बौद्धिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी। इस मौके पर समाज विचारकों, बुद्धिजीवियों के भाषण के बाद समाज के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं, सफल व्यापारियों, प्रगतिशील किसानों, पशुपालकों, उत्कृष्ट समाजसेवियों, अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।

उज्जैन में महारैली

महाकाल आदिवासी लोक कल्याण समिति उज्जैन की अपील पर शहर में रह रहे आदिवासी समुदाय से जुड़े एक हजार से ज्यादा लोगों की रैली निकालने का फैसला किया है। समिति अध्यक्ष हरेसिंह मुवेल ने बताया कि महाकाल वाणिज्यिक केंद्र स्थित शुभम मांगलिक परिसर से रैली निकलेगी जिसमें आदिवासी पारंपरिक वाद्य यंत्र शामिल रहेंगे। रैली शहर के कई हिस्सों से होकर गुजरेगी।

किसान महागठबंधन ने आदिवासियों के जेल भरो आंदोलन में समर्थन दिया है (फाइल फोटो पीटीआई)

संकल्प लेगा झारखंड

झारखंड के गोइलकेरा में अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा ने विश्व आदिवासी पर कार्यक्रम के सिलसिले में बैठक की। अनुमंडलीय अध्यक्ष दिनेश चंद्र बोयपाई की मौजूदगी में हुई बैठक में कुलडीहा पीढ के 13 मौजा के मुंडा, सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ग्रामीणें ने हिस्सा लिया। बैठक को संबोधित करते हुए अनुमंडलीय अध्यक्ष दिनेश चंद्र बोयपाई ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस को संकल्प दिवस के रूप में मनाने की जरूरत है। इस दिन आदिवासियों को उनके संवैधानिक अधिकारों, क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं जैसे शिक्षा, सड़क, पेयजल, पलायन, बेरोजगारी, बिजली एवं आदिवासियों के उत्थान पर चर्चा की जाएगी। इस समस्याओं पर एक प्रस्ताव तैयार कर पांचवीं अनुसूची के संरक्षक राज्यपाल एवं राष्ट्रपति महोदय को भेजा जाएगा। ताकि आदिवासियों से जुडे ज्वलंत समस्याओं की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया जा सके। महासभा में सक्रिय लोगों में मानकी प्रेम प्रकाश बोयपाई, प्यारेलाल बोयपाई, जुरेन्द्र कुंकल, सुभाष बानरा, कैलाश बोयपाई, गंगेश्वर बोयपाई, पचाय कंकल, प्रधान कायम, किस्मत कोडाह, जयमुनी बोयपाई आदि शामिल हैं।

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रामगढ़ में समारोह की तैयारी

झारखंड के ही रामगढ़ जिला एससी-एसटी महासभा की ओर से विश्व आदिवासी दिवस की तैयारी को लेकर कई कार्यक्रम हैं। महासभा के जिलाध्यक्ष संतोष मानकी की अध्यक्षीय व जिला उपाध्यक्ष प्रकाश करमाली के संचालन में यहां एक तैयारी बैठक हुई।

आदिवासी समुदाय के युवक अपने हकों के लिए प्रदर्शन करते हुए

इसमें 9 अगस्त को पार्टी के जिला कार्यालय में होने वाले विश्व आदिवासी दिवस समारोह की तैयारी पर चर्चा कर कई निर्णय लिए गए। मौके पर केंद्रीय सचिव निरंजन मुंडा, जिला सह सचिव निरंजन बेदिया, महासभा के पतरातू प्रखंड अध्यक्ष राजेश बेदिया, सुभाष, गणेश बेदिया, मनोज करमाली, बिनोद करमाली, प्रदीप बेदिया, तजेंद्र बेदिया, संतोष मुंडा, सुभाष ठाकुर, बिनोद कुमार, सोनू चौधरी मौजूद थे।

बारां में छुट्टी की गुहार

उधर, राजस्थान के बारां जिले में सहरिया समाज की ओर से 9 अगस्त को मनाए जाने वाले आदिवासी दिवस को लेकर सरकारी अवकाश घोषित करने की मांग उठी है। सहरिया कर्मचारी विकास समिति की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि प्रशासन आदिवासी समाज से जुड़े लोगों की गैर हाजिरी लगाने के लिए स्वतंत्र है लेकिन इसका खामियाजा उसे ही भुगतना पड़ेगा।

 

कर्मचारी संघ के जगदीश सहरिया ने बताया कि जिले में भी 9 अगस्त को किशनगंज शाहबाद क्षेत्र के आदिवासी समुदाय की ओर से सीताबाड़ी में आदिवासी दिवस मनाया जाएगा। जिला प्रशासन की ओर से 9 अगस्त का सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया जाए तो जिले के दूरदराज क्षेत्र में नौकरी कर रहे समाज के कर्मचारी भी कार्यक्रम में भाग ले सकेंगे। सहरिया कर्मचारी विकास समिति की ओर से एसडीएम शाहबाद, एडीएम सहरिया परियोजना को ज्ञापन दिया गया। संघ का नेतृत्व सुरेश सहरिया, धनराज सहरिया, राजेंद्र सहरिया, अमृतलाल सहरिया कर रहे हैं।

लोहारदगा में दिखेगी एकता

झारखंड के लोहारदगा में राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा के युवा समिति अध्यक्ष संतोष उरांव ने हमें बताया कि विश्व आदिवासी दिवस से धूमधाम से मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में विधायक सुखदेव भगत व डीसी विनोद कुमार शामिल होंगे। उन्होंने सभी आदिवासी बुद्धिजीवियों को तन, मन व धन से सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने गांव से लेकर शहर तक के सभी आदिवासी भाई बहनों को इस कार्यक्रम में शामिल होकर एकता का परिचय देने की अपील की।

(कॉपी संपादन : एफपी डेस्क)


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लेखक के बारे में

कमल चंद्रवंशी

लेखक दिल्ली के एक प्रमुख मीडिया संस्थान में कार्यरत टीवी पत्रकार हैं।

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