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छत्तीसगढ़ विधानसभा में पहुंचा ओझा, स्वागत को लपके मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष

शुरुआत हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने की थी। एक नग्न जैन साधू विधानसभा में सबसे ऊंचे आसन पर बैठकर जनप्रतिनिधियों को प्रवचन दे रहा था। फिर मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने अपने कबीना में आधा दर्जन से अधिक बाबाओं को शामिल कर इतिहास रचा। अब एक और भाजपाई मुख्यमंत्री जो नया रमण सिंह ने कारनामा किया है। उसके बारे में बता रहे हैं तामेश्वर सिन्हा

इन दिनों छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार कथित बाबाओं के  तंत्र-मंत्र के सहारे ढकोसलों व अंधविश्वासों को बढ़ावा दे रही है। जहां एक ओर यही सरकार प्रदेश में पचास लाख मोबाइल बांट कर संचार क्रांति को बढ़ावा देने का दावा कर डिजिटल युग की बात करती है तो दूसरी तरफ कथित बाबाओं और तंत्र-मंत्र को प्रदेश में बढ़ावा दे कर अपनी वैज्ञानिक समझदारी पर खुद ही सवाल खड़े कर रही है।

विधानसभा में कथित बाबा की आगवानी करने पहुंचे मुख्यमंत्री रमण सिंह और विधानसभा के अध्यक्ष

ऐसी ही एक घटना बीते दिनों में छत्तीसगढ़ विधानसभा में मानसून सत्र की कार्यवाही के दौरान घटित हुई। सत्र के दूसरे दिन एक कथित बाबा छत्तीसगढ़ विधानसभा भवन पहुंच कर राज्य में भाजपा की लगातार चौथी बार जीत के लिए हवन करने। हद तब हो गई जब इस कथित बाबा के अंधविश्वास को रोकने के बजाय स्वयं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और विधानसभा अध्यक्ष ने उनके साथ फ़ोटो खिंचवाई। भाजपा के अन्य मंत्रियों ने भी इस कथित बाबा के साथ फोटो खिंचवाकर खुद को धन्य महसूस किया।

हालांकि विधानसभा को तंत्र-मंत्र से बांधने वाले बाबा के ठिकाने का जब पड़ताल किया गया तो वह भारतीय जनता युवा  मोर्चा का मंडल अध्यक्ष निकला जो जांजगीर जिले में पामगढ़ के पास मुलमुला का रहना वाला है और उसका नाम रामलाल कश्यप है। खास बात यह भी कि यह कथित बाबा भाजपा को जीत दिलाने के लिए फ़्लाइट से अमरनाथ जा रहे हैं। उपरोक्त मामले की तठस्थ विश्लेषण से पता चलता है कि जनता में फैली हुई बाबागिरी की अंधविश्वास को भांप कर मनोवैज्ञानिक प्रभाव डाल कर वोट को मत में बदलवाने की जुगत के सिवाय यह कुछ भी नहीं।

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खैर, छत्तीसगढ़ में अंधविश्वास यही नहीं थमता। कोरिया जिले में हाथियों के उत्पात को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ के श्रम मंत्री भईयालाल राजवाड़े ने  बाकायदा पंडित से पूजा-हवन कराया। इस दौरान खुद कुर्सी पर बैठ हवन भी की। दरअसल कोरिया वन मण्डल के चिरमिरी वनपरिक्षेत्र में बीते 19 जुलाई को श्रम मंत्री हाथी प्रभावित इलाकों में मुआवजा बांटने गए थे। इसी दौरान उन्होंने हाथियों को भगाने के लिए गांव में हवन किया !

हाथियों के प्रकोप को शांत करने के लिए हवन करते छत्तीसगढ़ सरकार के श्रम मंत्री भईयालाल राजवाड़े

तीसरी घटना बीते वर्ष 2017 के सितम्बर महीने की है। छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री राम सेवक पैकरा द्वारा जनसम्पर्क यात्रा के दौरान मधुमेह का इलाज कराने एक कथित कंबल वाले बाबा की शरण में गए थे। पत्रकारों के सवालों पर राम सेवक पैकरा ने कहा था कि वह कंबल ओढ़ाकर कानों में मंत्र फूंक दें तो बड़ी से बड़ी बीमारी छू मंतर हो जाती है। शर्त इतनी है कि बाबा के दरबार में पांच बार आना होता है?

अंद्धविश्वास का खेल छत्तीसगढ़ तक सीमित नही है पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में ही यही आलम है । राज्य की महिला बाल विकास मंत्री ललिता यादव ने छतरपुर में मध्य प्रदेश में सूखे से निपटने और अच्छी बारिश के लिए मंदिर में मेंढक-मेंढकी की शादी कराई।

बहरहाल कांग्रेसी और छत्तीसगढ़ सरकार के पूर्व केन्द्रीय मंत्री चरण दास महंत भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि प्रदेश की जनता में भाजपा के मंत्री अंधविश्वास फैला रहे हैं। आधुनिक विज्ञान के युग में हवन-पूजन से जनता की परेशानियों का हल निकाला जा रहा है।

(कॉपी एडिटर : नवल)


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लेखक के बारे में

तामेश्वर सिन्हा

तामेश्वर सिन्हा छत्तीसगढ़ के स्वतंत्र पत्रकार हैं। इन्होंने आदिवासियों के संघर्ष को अपनी पत्रकारिता का केंद्र बनाया है और वे विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर रिपोर्टिंग करते हैं

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