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दक्षिण भारत में सामाजिक न्याय के समर्थकों को एकजुट करने के प्रयास में गदर

गदर 2019 में होने वाले चुनावों में न केवल पहली बार वोट डालेंगें बल्कि चुनाव प्रचार भी करेंगे। दक्षिण भारत में वे समान-विचारधारा वाली पार्टियों और व्यक्तियों के साथ मिलकर गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं

जीवित किंवदंती बन चुके लोगों में गदर के नाम से विख्यात गुम्मादी विट्टल राव क्रांति के गायक और कवि हैं। वे इन दिनों 2019 के आम चुनावों के लिए राष्ट्रीय पार्टी की स्थापना का विकल्प तलाश रहे हैं। उन्होंने दक्षिण के राज्यों में 120 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों को समर्थन देने की पहल की घोषणा की है। “मैं समझता हूँ कि जिन लोगों को मैं साथ लाना चाहता हूँ उनके और मेरे सपने एक हैं,” क्रांति के इस 71 वर्षीय अनन्य गायक ने गुंटूर में हुई बैठक में यह बात कही।

कवि गदर

इस बैठक का आयोजन चेन्नई स्थित विदुथलाई चिरुथाइगल कात्ची ने किया था। उन्होंने कहा कि वे रजनीकांत, कमल हासन, पवन कल्याण और अन्य फ़िल्मी कलाकारों को एक मंच पर लाने की कोशिश करेंगे जिन्होंने हाल में राजनीतिक पार्टियां बनाई हैं।

गदर ने वहाँ जमा हुए लोगों से कहा कि वे युवाओं को विशेषकर 25-30 आयु वर्ग के युवाओं को प्रेरित करना चाहते हैं और उनको राजनीति में आने के लिए उत्साहित करना चाहते हैं ताकि सामाजिक न्याय, दलितों के अधिकारों और सामाज में समानता स्थापित हो सके और गरीबी दूर की जा सके। उन्होंने कहा कि उनकी योजना देश के युवाओं का पथ-र्पदर्शन कर समाज में परिवर्तन लाने की है। यह उनका सपना है पर उनका स्वास्थ्य साथ नहीं दे रहा है जिससे वे चिंतित हैं। हालांकि, वे लोगों को सामाजिक न्याय और गरीबी दूर करने के अपने विचारों से अवगत कराने के लिए वे सघन स्तर पर यात्रा शुरू कर पाने के प्रति आशान्वित हैं।

“मैं भविष्य के बारे में सोच रहा हूँ – सिर्फ चुनाव लड़ना या विधायक सांसद बनना और फिर पांच सालों तक अपने कर्तव्यों को भूल जाना मेरा ध्येय नहीं है। अगर मुझे लगता है कि अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह जरूरी है तो मैं बाद में राजनीतिक पार्टी का गठन करूंगा,” गदर ने कहा। तेलंगाना जन समिति, तेलंगाना मास एंड सोशल आर्गेनाईजेशन्स (टीएमएएस) और आम आदमी पार्टी (एएपी) जैसी राजनीतिक पार्टियां हैं जिन्होंने गदर को अपनी पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया है पर अभी तक उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया है।

गदर ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) की प्रतिनिधि प्रियंका कक्कड़ उनसे उनके निवास पर मिलीं और उनका समर्थन माँगा व उनकी राज्य इकाई का नेतृत्व करने को कहा। उन्होंने कहा कि वे उनकी पार्टी में शामिल नहीं होंगे, पर अगर उनको ठीक लगा, तो वे उनका समर्थन कर सकते हैं। “मैंने उनसे कहा कि अभी तक मैंने अपनी पार्टी शुरू करने का निर्णय नहीं लिया है, पर यह सच है कि मैं ऐसा करना चाहता  हूँ। उन्होंने मुझे हैदराबाद में 2000 आप पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में शामिल होने का न्योता दिया था और मैंने अपनी सहमति दे दी थी,” गदर ने कहा।

आंबेडकर के 54वें महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में उनको श्रद्धांजलि देते गदर

हालांकि, गदर ने कहा कि लेकिन वह अपना गीत गाते रहेंगे और सामाजिक न्याय के पक्ष में और असमानता के खिलाफ मरते दम तक आवाज उठाते रहेंगे। वे समाज में बदलाव का उत्प्रेरक बनना चाहते हैं क्योंकि देश की आजादी के 70 साल बाद आज भी समाज का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा सामाजिक और राजनीतिक दोनों तरह से लगातार उत्पीड़न झेल रहा है।

क्रांति के अनन्य गायक गदर पहली बार आगामी आम चुनावों में वोट डालेंगे। इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि अपने बेटे के हाल में कांग्रेस में जाने के बाद गदर कांग्रेस कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं।

वर्ष 2010 के अक्टूबर में, गदर ने तेलंगाना प्रजा फ्रंट की शुरुआत की जो कि अलग तेलंगाना राज्य के लिए संघर्ष करने के लिए था। उन्होंने लेखकों, कवियों, दलितों और समुदाय के दलितों से समर्थन प्राप्त करने की कोशिश की पर वे सफल नहीं हो पाए – हालांकि, तेलंगाना अंततः एक अलग राज्य बन गया।

एक दलित के घर पैदा हुए गदर, किसी जमाने में एक बैंक में क्लर्क हुआ करते थे। पर उन्होंने नौकरी छोड़ दी और वे भूमिगत हो गए। वे पीपुल्स वार ग्रुप के कई सालों तक सक्रिय सदस्य रहे। इसके बाद उन्होंने लोगों से मतदान का बहिष्कार करने का आह्वान किया।

(अनुवाद : अशोक, कॉपी संपादन : एफपी डेस्क)


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