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मेरठ में दलित युवक की हत्या से आक्रोश, भीम आर्मी ने भी किया आह्वान

सरधना (मेरठ) में दलित समुदाय के एक युवक की हत्या का बदला हत्या से लेने की चेतावनी के बाद दलितों ने तलवारें खींच दी हैं। उनका साथ देने भीम आर्मी भी कूद गई है। 30 अगस्त की दलित महासभा रोकने के लिए प्रशासन तैयारी कर चुका है। कमल चंद्रवंशी दे रहे हैं पूरा विवरण :

उत्तर प्रदेश के मेरठ में उल्देपुर गांव के जाटव समुदाय के लोगों ने 30 अगस्त को दलित महासभा का आह्वान किया है। दलित समुदाय के लोग बीते 9 अगस्त 2018 से ही आक्रोशित हैं जब यहां राजपूत दबंगों और कांवड़ियों ने मिलकर एक दलित परिवार के 19 साल के रोहित कुमार की हत्या कर दी थी। क्षेत्र में जातीय हिंसा को लेकर तनाव है और राजपूतों और जाटवों ने अपने-अपने समुदायों के साथ मिलकर बैठकें की हैं।

हत्यारों की अविलंब गिरफ्तारी व 50 लाख रुपए मुआवजे की मांग

इस बीच भीम आर्मी के सहारनपुर और मेरठ के कार्यकर्ताओं का एक जत्था पीड़ितों को मिलने के लिए गांव में आया लेकिन उनको पुलिस ने बाहर से ही भगा दिया। दलित समुदाय ने हत्यारों की गिरफ्तारी करने और 50 लाख रुपए मुआवजे की मांग की है।

सरधना के उल्देपुर गांव में रोहित का बिलखता परिवार

सोमवार 20 अगस्त को जाटव समुदाय के लोग मेरठ शहर के पार्क में जमा हुए जहां उन्होंने अपने समाज की सुरक्षा की गुहार लगाई। इन लोगों ने प्रशासन नेसामने अपना मांगपत्र रखा और कहा कि आरोपियों की फौरन गिरफ्तारी की जाए। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर 29 अगस्त तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएगी तब 30 अगस्त को शहर में एक दलित महासभा आयोजित की जाएगी।

दलित युवक को किसने मारा?

दरअसल मोदीपुरम में कांवड़ देखने के दौरान धक्कामुक्की पर दो पक्षों में विवाद हुआ था। पथराव और संघर्ष में 19 साल के दलित युवक रोहित की मौत हो गई और करीब 8 लोग घायल हुए। शव को आंबेडकर चौपला पर रखकर दलितों ने घंटों तक हंगामा किया। पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया। तनाव के मद्देनजर घटनास्थल पर रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों और कई थानों के पुलिस कर्मियों को तैनात करना पड़ा। ये गांव सरधना के गंगानगर थाना क्षेत्र में है। यह चौहानों और दलितों जातियों के बहुल वाला इलाका है। यहां आए दिन सोशल मीडिया, मुख्य मीडिया और मैसेंजर ग्रुपों से रोज नई अफवाह जातीय हिंसा का सबब बनती हैं। पुलिस के मुताबिक लाठीडंडे और धारदार हथियारों के हमले में दलित युवक रोहित की मौत हुई।

मेरठ के देहात क्षेत्र के एसपी राजेश कुमार

पुलिस अधीक्षक (मेरठ देहात) राजेश कुमार ने गांव का दौरा किया और लोगों को समझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि पुलिस दोनों पक्ष को ध्यान में रखकर काउंटर एफआईआर दर्ज कर रही है। हमें भरोसा है कि समाधान जल्द निकलेगा और 30 अगस्त की दलित महारैली के आयोजन से पहले मामले का हल निकाल लेंगे। इसी बीच, गांव के आरोपी किशन की पत्नी सुनीता चौहान की शिकायत के बाद जाटव समुदाय के 12 सदस्यों पर दंगा भड़काने, डकैती, आपराधिक धमकी और यौन हमले जैसे मामले दर्ज कराए गए हैं।

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हालांकि पुलिस का कहना है कि ठाकुर और दलितों बीच संघर्ष में एक और आरोपी ठाकुर समुदाय के संदीप नामक युवक की गिरफ्तारी की गयी है। पुलिस ने बताया कि ठाकुर समुदाय के नौ हमलावरों की पहचान की गई थी, जिनमें चार पकड़े जा चुके हैं। पुलिस से मिले भरोसे के बाद दलित समुदाय फिलहाल शांत है। लेकिन 29 अगस्त तक तस्वीर साफ नहीं होती तो दलित महारैली होने से कोई नहीं रोक सकता।

सभी अरोपियों की हो गिरफ्तारी और मिले मुआवजा व नौकरी : देवेंद्र कुमार, मृतक रोहित के पिता

गंगा नगर पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी मिथुन दीक्षित ने कहा, “घटना के चार दिन बाद मेरठ पुलिस ने दो ठाकुरों को कथित रूप से घायल करने के लिए दलित समुदाय के 12 लोगों के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की थी। इन 12 आरोपियों में रोहित के परिवार के पांच सदस्य शामिल थे।” उन्होंने कहा कि हमने गांव वालों को आश्वासन दिया है कि हत्या के मामले में नामित सभी आरोपियों को एक सप्ताह के भीतर गिरफ्तार कर लिया जाएगा। रोहित के पिता देवेंद्र कुमार ने कहा कि हम फिलहाल अपनी महापंचायत नहीं बुला रहे हैं लेकिन पांचों आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो 30 अगस्त को महापंचायत करेंगे। दलित समुदाय ने रोहित की हत्या पर 50 लाख रुपये का मुआवजा और घर के एक सदस्य को नौकरी की मांग की है। पुलिस ने भरोसा दिया कि इस मांग पर विचार किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें : सहारनपुर कांड : जाति नहीं, दलितों के आर्थिक विकास पर हमला

दलित समुदाय की ओर से सुशील गौतम की अगुवाई कर रहे हैं। वह न्याय ना मिलने की स्थिति में हत्या के बदले हत्या करने का एलान कर चुके हैं।

संरक्षण में हो रहे हैं हमले- भीम आर्मी

इस बीच शहर में भीम आर्मी के कार्यकर्ता भी कमर कस चुके हैं। उन्होंने पीड़ित परिवार का हाल जानने की कोशिश की थी लेकिन पुलिस ने टीम को गांव में घसने की इजाजत नहीं दी। भीम आर्मी के नेता मनजीत नौटियाल सहारनपुर से मेरठ में डाले हुए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस के संरक्षण में दलित समाज के लोगों पर राजपूत कायरतापूर्ण हमले कर रहे हैं। भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने एसपी(देहात) से कहा कि प्रदेश सरकार के इशारे पर दलितों का उत्पीड़न किया जा रहा है।

दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर रावण (फाइल फोटो)

पहले सहारनपुर के शब्बीरपुर में दलितों का उत्पीड़न किया गया, उसके बाद अलीगढ़ में दलितों के साथ अन्याय हुआ। दो अप्रैल को मेरठ में हुई हिंसा में पुलिस ने निर्दोष दलितों को जेल भेजा। सरधना क्षेत्र में दलित युवक ने दूसरी बिरादरी की बच्ची से छेड़छाड़ की तो पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा, लेकिन दलितों के घरों में तोड़फोड़ की गई और उन्हें अलग स्थानों पर पीटा गया।

(कॉपी संपादन : एफपी डेस्क)


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लेखक के बारे में

कमल चंद्रवंशी

लेखक दिल्ली के एक प्रमुख मीडिया संस्थान में कार्यरत टीवी पत्रकार हैं।

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