यह घटना उस जगह की है, जिसका नाम हम उत्तर भारत के लोग सिर्फ जनरल नॉलेज अथवा भूगोल की किताबों में पढ़ते हैं। अखबारों में उस जगह का जिक्र शायद ही कभी आता है। वह जगह है दादरा-नगर-हवेली। उत्तर भारत के मैदानों से चली सांस्कृतिक वर्चस्व के विरोध की हवा केंद्र शासित प्रदेश में सोशल मीडिया के पंखों पर सवार होकर पहुंची।
नतीजा यह हुआ कि अक्टूबर, 2017 में दादरा नगर हवेली के बामसेफ से जुड़े आदिवासी समुदाय से संबंध रखने वाले धीरूभाई छोटूभाई पटेल के खिलाफ दुर्गा और शिव-पार्वती का अपमान करने का मुकदमा किया गया। लेकिन जब वहां का मूल निवासी बहुजन समुदाय ने अपने तेवर दिखाए तो आंखें तरेर रहे बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने अपनी दुम दबा ली।
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