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दलित अधिवक्ता को कोर्ट ने माना निर्दोष

दलित अधिवक्ता प्रह्लाद मेघवाल ने दलितों के साथ भेदभाव की फारवर्ड प्रेस में छपी खबर को व्हाट्सअप ग्रुप में शेयर किया था। इसे लेकर जाति विशेष के लोगों ने थाने में शिकायत दर्ज करायी थी। लगातार पुलिस पर गिरफ्तारी का दबाव भी बनाया जा रहा था। लेकिन एसडीएम कोर्ट ने प्रह्लाद को निर्दोष माना। बता रही हैं प्रेमा नेगी :

प्रह्लाद मेघवाल जोकि दलित अधिवक्ता हैं, उन्होंने केरल बाढ़ के दौरान दलितों के साथ हुए भेदभाव की एक खबर जो फारवर्ड प्रेस में प्रकाशित हुई थी, उसे वाट्सअप पर शेयर किया था। उस खबर को लोगों के बीच वैमनस्य फैलाने वाली और झूठी खबर कहकर राजस्थान के प्रतापगढ़ जनपद के छोटी सादड़ी में भाजपा पदाधिकारी जो ब्राह्मण समाज से जुड़े हैं, ने प्रचारित किया और तय किया कि इसके खिलाफ प्रहलाद पर एक्शन लिया जाना चाहिए। एक्शन के बतौर सवर्णों द्वारा आयोजित भारत बंद का दिन 6 सितंर को 400—500 लोगों का हुजूम थाने पहुंचा और पुलिस पर दबाव बनाया कि प्रहलाद को जल्द से जल्द गिरफ्तार करे, वह समाज के लिए खतरा है, नहीं तो हम उसे सजा देंगे।

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लेखक के बारे में

प्रेमा नेगी

प्रेमा नेगी 'जनज्वार' की संपादक हैं। उनकी विभिन्न रिर्पोट्स व साहित्यकारों व अकादमिशयनों के उनके द्वारा लिए गये साक्षात्कार चर्चित रहे हैं

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