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प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए बंद हो गये स्कूल

प्रधानमंत्री के ‘आयुष्मान भारत योजना’ के लिए शनिवार को रांची और आसपास के सभी निजी विद्यालयों को बंद किया गया है। सरकार से पंगा न लेने के डर से स्कूल प्रबंधनों ने यह कदम उठाये। फारवर्ड प्रेस की रिपोर्ट :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 सितंबर, 2018 को रांची में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम ‘आयुष्मान भारत योजना’ का शुभारंभ करेंगे। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास कार्यक्रम की सफलता के बहाने प्रधानमंत्री को प्रभावित करने के लिए हरसंभव हथकंडा अपना रहे हैं। इस कार्यक्रम को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास पिछले कई दिनों से सीएम आवास में आला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर चुके हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम में करीब एक लाख लोगों के आने का दावा किया है। इसलिए सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखने एवं कार्यक्रम स्थल तक लोगों को पहुंचाने की ज़िम्मेदारी भी पदाधिकारियों को ही सौंपी है और किसी भी तरह की अव्यवस्था ना होने की सख्त हिदायत भी दी है।  

मुख्यमंत्री के इस फरमान के कारण रांची के जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) ने रांची और आसपास के सभी निजी स्कूलों से बसें मांग ली है। जिसके कारण स्कूल प्रबंधन को शनिवार यानी 22 सितंबर को सभी निजी विद्यालयों को बंद करना पड़ा है। सभी निजी विद्यालयों के प्रबंधकों ने स्कूल बंद करने का नोटिस और एसएमएस अभिभावकों को भेजा है। बता दें कि कई विद्यालयों में परीक्षा चल रही है। स्कूल बंद होने की वजह से परीक्षा और टेस्ट को भी रद्द करना पड़ा है। कुछ स्कूल प्रबंधनों ने सरकार से पंगा न लेने के डर से मुहर्रम का बहाना बना कर स्कूल बंद करने की घोषणा की है। जबकि मुहर्रम के लिए शुक्रवार को ही स्कूलों में छुट्टी कर दी गयी थी। सुरेंद्रनाथ सेंटेनरी स्कूल ने मुहर्रम का हवाला देकर स्कूल बंद होने की सूचना दी है। जबकि डीएवी ग्रुप ने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम होने की बात बता कर स्कूल बंद किया है। संत फ्रांसिस स्कूल ने अभिभावकों को एसएमएस भेज कर कहा है कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए बसें ले ली गयी हैं, इस वजह से नर्सरी से कक्षा 5 तक की कक्षाएं शनिवार को स्थगित रहेंगी। बिशप वेस्टकॉट गर्ल्स स्कूल, नामकुम ने भी अपने एसएमएस में बताया है कि जिला प्रशासन के आदेश के कारण स्कूल बंद रहेगा।

डीटीओ रांची ने निजी विद्यालयों को सर्कुलर जारी करके सभी बसें मंगा ली

बता दें कि मोदी के कार्यक्रम के अालोक में जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) ने बसों की मांग के साथ-साथ बसों को खेलगांव भेजने का निर्देश दिया है।

सभी स्कूलों को पत्र लिख कर डीटीओ ने निर्देश दिया है बसें शनिवार को सुबह 10 बजे खेलगांव परिसर में उपलब्ध करा दी जायें, जिससे प्रधानमंत्री के विभिन्न कार्यक्रमों में लोगों को ले जाया जा सके। बसें उपलब्ध कराने को डीटीओ ने सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा है। मतलब साफ है कि इन बसों का इस्तेमाल पीएम के कार्यक्रम में किया जायेगा।

सीबीएसई और आइसीएसई की गाइडलाइन के मुताबिक पूरे सिलेबस के लिए एक गाईडलाइन तैयार की जाती है। पढ़ाई के कोर्स को पूरा करने के लिए शिड्यूल बना रहता है। एक पूरे दिन की पढ़ाई का नुकसान हजारों विद्यार्थियों को हुअा है। इस बावत जब हमने गुरु नानक हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रिसिपल डा. मनोहर लाल से बात की तो वे कुछ बताने से इंकार करते हुए सवाल को टाल गए जो इस बात गवाह है कि स्कूल प्रबंधन, प्रशासन से किसी तरह का पंगा लेना नहीं चाहता, चाहे उसे कोई भी कीमत चुकानी पड़े या इससे छात्रों के भविष्य पर कुछ भी दुष्प्रभाव पड़े।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘आयुष्मान भारत योजना’ का पोस्टर

उल्लेखनीय है कि ‘आयुष्मान भारत योजना’ गरीबों की स्वास्थ्य बीमा योजना है। इसके तहत हर लाभुक परिवार के सभी सदस्यों को कुल 1350 छोटी-बड़ी बीमारियों के लिए पांच लाख तक के सालाना बीमा का लाभ मिलेगा। मरीज सरकार की अोर से चिह्नित किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं, जहां उन्हें दवा, जांच व भोजन की मुफ्त सुविधा मिलेगी। इनमें उन अस्पतालों को शामिल किया गया है, जो 10 बेड से अधिक के है। अस्पतालों में कार्यशाला का आयोजन कर निजी नर्सिंग होम और अस्पतालों में सभी नर्सों को प्रशिक्षित करने की योजना है।

प्रधानमंत्री यहां से ‘आयुष्मान भारत योजना’ के शुभारंभ के साथ कोडरमा और चाईबासा में बनने वाले मेडिकल कॉलेजों का भी शिलान्यास करेंगे।

(कॉपी-संपादन : राजन कुमार)


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लेखक के बारे में

विशद कुमार

विशद कुमार साहित्यिक विधाओं सहित चित्रकला और फोटोग्राफी में हस्तक्षेप एवं आवाज, प्रभात खबर, बिहार आब्जर्बर, दैनिक जागरण, हिंदुस्तान, सीनियर इंडिया, इतवार समेत अनेक पत्र-पत्रिकाओं के लिए रिपोर्टिंग की तथा अमर उजाला, दैनिक भास्कर, नवभारत टाईम्स आदि के लिए लेख लिखे। इन दिनों स्वतंत्र पत्रकारिता के माध्यम से सामाजिक-राजनैतिक परिवर्तन के लिए काम कर रहे हैं

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