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मध्य प्रदेश चुनाव : एससी-एसटी और ओबीसी ने कहा, नहीं देंगे सवर्णों को वोट

मध्य प्रदेश के एससी, एसटी और ओबीसी संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने आरक्षण विरोधी सवर्णों का बहिष्कार करने का आह्वान किया है। साथ ही सवर्णों के दबाव में एससी-एसटी एक्ट को कमजोर किये जाने संबंधी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान पर भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की गयी है

मध्य प्रदेश के एससी-एसटी और ओबीसी संयुक्त मोर्चा (अजाक्स) के नेताओं ने आह्वान किया है कि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में सवर्णों का बहिष्कार किया जाएगा। एससी, एसटी और ओबीसी के लोग किसी भी सवर्ण उम्मीदवार को वोट न दें फिर चाहे वह किसी भी पार्टी के क्यों न हों।

बीते 23 सितंबर 2018 को यह आह्वान भोपाल के भेल दशहरा मैदान में अजाक्स द्वारा आयोजित सम्मेलन के दौरान किया गया। इस मौके पर यह भी आह्वान किया गया कि जो भी पार्टी एससी-एसटी एक्ट संशोधन विधेयक और आरक्षण का विरोध करेगी, उसे वोट नहीं दिया जाएगा।

बीते 23 सितंबर 2018 को भोपाल में आयोजित सम्मेलन के दौरान एससी-एसटी और ओबीसी संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधिगण

गौर तलब है कि बीते 6 सितंबर 2018 को सवर्णों ने एससी-एसटी एक्ट और आरक्षण को लेकर भारत बंद का आह्वान किया था। इसके पीछे मध्य प्रदेश के सवर्ण संगठन ही थे।   

मध्य प्रदेश के पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति-जनजाति के संयुक्त मोर्चे के प्रांतीय अध्यक्ष अभियंता एस.एल. सूर्यवंशी के अनुसार सम्मेलन में प्रदेश भर से आए पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों ने हिस्‍सा लिया। इस मौके पर आरक्षण और एससी-एसटी एक्ट के सवाल पर मोर्चे के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी। मोर्चा के नेताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के उस बयान पर भी नाराजगी जताई जिसमें उन्होंने एससी-एसटी एक्ट के मामले में सवर्णों को बिना जांच कार्रवाई ना करने का भरोसा दिलाया था।

मध्य प्रदेश के पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति-जनजाति के संयुक्त मोर्चे द्वारा आयोजित सम्मेलन की तस्वीर

उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान मोर्चे के नेताओं ने फैसला किया है कि ओबीसी, एससी-एसटी वर्ग के लोग आने वाले विधानसभा चुनाव में सवर्ण उम्मीदवार या उस उम्मीदवार को वोट नहीं देंगे जो आरक्षण का विरोध करेगा।

सूर्यवंशी ने कहा कि मध्य प्रदेश के एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के लोग किसी भी हालत में न तो एससी-एसटी एक्ट को कमजोर करने कवायद को बर्दाश्त करेंगे और न ही आरक्षण का विरोध। उन्होंने कहा कि ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में 52 फीसदी आरक्षण लागू करवाने के लिए लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जाति जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक किए जाएं ताकि बैकलॉग पदों को मेरिट के आधार पर चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले भरा जा सके।

(कॉपी संपादन : एफपी डेस्क)


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विशद कुमार साहित्यिक विधाओं सहित चित्रकला और फोटोग्राफी में हस्तक्षेप एवं आवाज, प्रभात खबर, बिहार आब्जर्बर, दैनिक जागरण, हिंदुस्तान, सीनियर इंडिया, इतवार समेत अनेक पत्र-पत्रिकाओं के लिए रिपोर्टिंग की तथा अमर उजाला, दैनिक भास्कर, नवभारत टाईम्स आदि के लिए लेख लिखे। इन दिनों स्वतंत्र पत्रकारिता के माध्यम से सामाजिक-राजनैतिक परिवर्तन के लिए काम कर रहे हैं

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