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एक पत्र राजस्थान पत्रिका के मालिक गुलाब कोठारी के नाम

आप आर्थिक आरक्षण की वकालत करते हैं। आप तर्क देते हैं कि हर जाति के लोग गरीब हैं, हां यह बात सही है कि हर जाति में गरीब लोग हैं। लेकिन क्या कभी किसी कथित उच्च जाति के गरीब को किसी हैंडपंप को छूने पर मार दिया गया हो, या फिर उसके हाथ लगााने के बाद मूर्तियों को गंगाजल या जानवरों के मूत्र से धोया गया हो?

हाल ही में आपके अखबार के प्रथम पृष्ठ पर एक सर्वे छपा, जिसमें बताया गया कि आरक्षण से किस प्रकार समाज में वैमनस्य बढ़ रहा हैं। हालांकि आरक्षण के खिलाफ यह कोई आपकी पहली खबर नहीं थी। आप लंबे समय से आरक्षण के खिलाफ मुहिम चला रहें हैं। यह खबर उसकी बानगी मात्र है। कुछ दिनों पहले आरक्षण पर आपका एक संपादकीय भी आया था जिसमें आरक्षण के खिलाफ खूब जहर उगला गया था और जमकर ज्ञान उड़ेला गया था।

पूरा आर्टिकल यहां पढें एक पत्र राजस्थान पत्रिका के मालिक गुलाब कोठारी के नाम

 

 

 

लेखक के बारे में

सूरज कुमार बैरवा

सूरज कुमार बैरवा जयपुर विश्वविद्यालय, राजस्थान में पीएचडी शोधार्थी व स्वतंत्र पत्रकार हैं

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