बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने एक ऐसे भारत का सपना देखा था, जिसमें वर्ण-व्यवस्था के लिए कोई जगह नहीं थी। उन्होंने अपनी किताब ‘एनिहिलेशन ऑफ कास्ट’ में इसका विस्तार से वर्णन किया है। यह किताब आज भी प्रासंगिक है। इसका मुकम्मल हिंदी अनुवाद प्रकाशित कर फारवर्ड प्रेस बुक्स ने सराहनीय कार्य किया है। इस किताब को हर युवा को अवश्य पढ़नी चाहिए फिर चाहे वह दलित हो या सवर्ण। आंबेडकरवाद ही एक मात्र विकल्प है। ये बातें अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद ने बीते 14 अक्टूबर 2018 को धम्म दीक्षा दिवस के मौके पर लखनऊ में जुटे बहुजन साहित्यकारों को संबोधित करते हुए कही।
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