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डीयू को कांचा आयलैया की किताबों पर ऐतराज, आयलैया सहित अनेक बुद्धिजीवियों ने किया विरोध

सर्वोच्च न्यायालय ने प्रो. कांचा आयलैया की किताब ‘पोस्ट – हिंदू इंडिया’ पर प्रतिबंध लगाने से इनकार किया था। लेकिन, डीयू की स्टैंडिंग कमेटी को इस किताब के अलावा उनकी दो और किताबों पर ऐतराज है। जबकि आयलैया उनके ऐतराज को द्विजवादी मानसिकता बताते हैं। फारवर्ड प्रेस की रिपोर्ट :

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) को बहुजन लेखक प्रो. कांचा आयलैया शेफर्ड की किताबों से परहेज है। बीते 24 अक्टूबर 2018 को विश्वविद्यालय के अकादमिक मामलों की स्टैंडिंग कमेटी ने उनकी तीन किताबों को पाठ्यक्रम से बाहर करने का फैसला लिया है। स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य हंसराज सुमन ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा था कि प्रो. कांचा आयलैया की किताबें हिंदुत्व का अपमान करती हैं। इसलिए कमेटी ने किताबों को पाठ्यक्रम से बाहर करने का निर्णय लिया है।

कांचा आयलैया की जिन तीन किताबों को पाठ्यक्रम से बाहर करने पर निर्णय किया गया है, उनमें- ‘व्हाई आई एम नॉट हिंदू’, ‘बफैलो नेशनलिज्म’ और ‘पोस्ट हिंदू इंडिया’ शामिल हैं। हालांकि, स्टैंडिंग कमेटी के फैसले को अभी अकादमिक परिषद की मंजूरी नहीं मिली है।

वहीं दूसरी ओर, कांचा आयलैया की किताबों को बाहर करने के फैसले का बुद्धिजीवियों ने पुरजोर विरोध किया है। स्वयं आयलैया विश्वविद्यालय के फैसले का विरोध करते हुए कहते हैं कि कभी बाबा साहब की किताब का भी विरोध किया गया था और उन्हें समाज को बांटने वाला बताया गया था।

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लेखक के बारे में

कुमार समीर

कुमार समीर वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने राष्ट्रीय सहारा समेत विभिन्न समाचार पत्रों में काम किया है तथा हिंदी दैनिक 'नेशनल दुनिया' के दिल्ली संस्करण के स्थानीय संपादक रहे हैं

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