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गांधी जयंती पर नये नवेले आदिवासी संगठन का फिल्मी धमाका

आदिवासी युवाओं संगठन जयस ने इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। इसके लिए उसने धमाकेदार अंदाज में चुनाव प्रचार का मन बनाया है। जयस के लिए जो सितारे ‘अबकी बार-आदिवासी सरकार’ का नारा बुलंद करेंगे उनमें धीर-गंभीर नाना पाटेकर के अलावा डांसिंग स्टार गोविंदा व मिथुन चक्रवर्ती शामिल हैं। एक खबर

आदिवासी युवाओं नये-नवेले संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति(जयस) पहली बार मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाग ले रहा है। इसके लिए धमाकेदार फिल्मी धमाके की तैयारी की गयी है। 2 अक्टूबर 2018 यानी गांधी जयंती के मौके पर जयस के कार्यक्रम में फिल्मी सितारे शामिल होंगे और ‘अबकी बार-आदिवासी सरकार’ का नारा बुलंद करेंगे। इस कार्यक्रम में जो सितारे शामिल होंगे उनमें पूर्व सांसद गोविंदा और नाना पाटेकर भी शामिल हैं। वहीं नाना पाटेकर जो अपने गंभीर अभिनय के लिए तो जाने ही जाते हैं लेकिन आजकल फिल्म अभिनेत्री तनुश्री दत्ता द्वारा लगाये यौन उत्पीड़न के आरोपों के कारण सुर्खियों में हैं। जबकि डांसिंग स्टार मिथुन चक्रवर्ती अस्वस्थ रहने के कारण 2 अक्टूबर के कार्यक्रम में उपस्थित नहीं रह सकेंगे।

जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ. हीरालाल अलावा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया है कि चुनाव के दौरान बॉलीवुड़ स्टार गोविंदा, मिथुन चक्रवर्ती और नाना पाटेकर आदिवासी संगठन जयस के लिए प्रचार करेंगे। इसकी शुरुआत दो अक्टूबर को धार जिले के कुक्षी में किसान महापंचायत से होगी।

एक जनसभा को संबोधित करते जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डा. हीरालाल अलावा

इस संबंध में अलावा ने गोविंदा का एक वीडियो पोस्ट किया है। इसमें गोविंदा ने खुद सम्मेलन में शामिल होने की बात कही है। गोविंदा दो अक्टूबर को परिवार सहित उज्जैन पहुंचेंगे और महाकाल के दर्शन करने के बाद वे कुक्षी में जयस की महापंचायत में भाग लेंगे। हालांकि मिथुन चक्रवर्ती अस्वस्थ होने के कारण दो अक्टूबर को नहीं आ रहे हैं, लेकिन उन्होंने जयस के पक्ष में पांच आमसभाओं को संबोधित करने का भरोसा दिलाया है।

नाना पाटेकर, गोविंदा और मिथुन : हम लगायेंगे ‘अबकी बार-आदिवासी सरकार’ का नारा

बताते चलें कि मध्यप्रदेश में आदिवासी वर्ग की आबादी 21 प्रतिशत है, वहीं विधानसभा की कुल 230 सीटों में से 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इसमें से 2013 के चुनाव में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल करते हुए 32 सीटों पर कब्जा जमाया था तो कांग्रेस को सिर्फ 15 सीटों से संतोष करना पड़ा था। वहीं प्रदेश में 30 के करीब ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां आदिवासी वोटों का जीत-हार में बड़ा रोल होता है। जयस की निगाहें इन सीटों पर है।

(इनपुट – न्यूज 18, कॉपी संपादन : एफपी डेस्क)


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