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बुद्धिजीवियों का आह्वान, अभियानों और अपीलों से यूजीसी के खिलाफ मोर्चा खोलो

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा 4305 पत्र-पत्रिकाओं को काली सूची में डाल दिया गया है। इनमें अवैज्ञानिक नजरिया और जड़ता को समाप्त करने वाली पत्र-पत्रिकायें भी हैं। यूजीसी के इस कृत्य से देश के अकादमिशियन और साहित्यकार सभी हतप्रभ हैं। वे विरोध का आह्वान कर रहे हैं। फारवर्ड प्रेस की खबर :

अंग्रेजी में समाज विज्ञान का पूरा विश्लेषण बोगस- अभय कुमार दुबे

सरकार की जरूर कोशिश है कि दलित, पिछड़ा और आदिवासी समाज बदले! लेकिन इसका आधार वह सामाजिक न्याय के सिद्धांत या आंबेडकर के आदर्शों को नहीं बनाना चाहती। अपने एजेंडे के अनुसार, यह काम भी वह हिंदुवादी तरीकों से अंजाम देना चाहती है। सरकार वोटों के लिए ऐसा कर रही है लेकिन उसे ना तो वोट हासिल होंगे और ना उच्च शिक्षा की हालत में सुधार हो सकेगा।

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लेखक के बारे में

कमल चंद्रवंशी

लेखक दिल्ली के एक प्रमुख मीडिया संस्थान में कार्यरत टीवी पत्रकार हैं।

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