आरक्षण को लेकर जब-तब दबी जुबां सवाल खड़े किए जाते हैं। कभी कोई इसके तौर-तरीके पर सवाल खड़े करता है तो कभी कोई समीक्षा और पुर्नसमीक्षा की बात करता है लेकिन हर बार ऐसे सवाल करने वालों को मुंह की खानी पड़ती है। ऐसा संभव केवल और केवल समाज के निचले तबके की एकजुटता की वजह से हो पा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल का तो साफ मानना है कि आरक्षण को लेकर सवाल करने वाले बिना होम वर्क वाले स्टूडेंट की तरह होते हैं। होम वर्क करने वाला स्टूडेंट इस तरह के सवाल खड़े कर ही नहीं सकता है। इस विषय पर केंद्रीय मंत्री से फारवर्ड प्रेस की हुई बातचीत के संपादित अंश :
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