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भारत पाटणकर : जिनसे हारा कारपोरेट और किसानों को मिला हवा तक का मुआवजा

भारत पाटणकर श्रमिक मुक्ति दल के अध्यक्ष एवं लेखक हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में दैवीय प्रथाओं और उनके पूजन विधानों में ब्राह्मणों के दखल को खत्म करके वहां के विठ्ठल मंदिरों में अस्पृश्यों को प्रवेश का अधिकार दिलाया। रिलायंस द्वारा पवन चक्की लगाने पर किसानों को हवा तक का मुआवजा दिलाया। फॉरवर्ड प्रेस की टीम ने कई मुद्दों पर उनसे लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश :

एफपी टीम : भारत भ्रमण के दौरान महाराष्ट्र पहुंचने पर हमने पाया है कि यहां देव पूजा का काफी महत्व है। साथ ही बौद्ध धर्म का प्रभाव भी दिखता है। आप क्या कहेंगे?

भारत पाटणकर  :  देखिए, महाराष्ट्र के सभी लोकाचार (मान्यताओं) में हमारे कुल दैवत (कुल देवता) और ग्राम दैवत (ग्राम देवता) मिलेंगे। ये हमारे पुरखे हैं, भगवान नहीं हैं। हमारे देव उनके ब्रह्मा-विष्णु-महेश जैसे नहीं हैं, जो स्वर्ग में रहते हैं। आसमानी देवताओं का सारा खेल तो हाल-फिलहाल का है। अभी हाल के वर्षों में कुछ धारावाहिक बनाने वालों ने इनकी स्टोरी बदलकर, उन्हें स्वर्ग-नरक से जोड़ दिया।

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लेखक के बारे में

एफपी टीम की भारत यात्रा

"एफपी ऑन द रोड" के तहत फारवर्ड प्रेस की संपादकीय टीम के सदस्य भारत के विभिन्न क्षेत्रों की यात्रा करते हैं तथा बहुजन भारत के अनछुए पहलुओं को समाने लाने की कोशिश करते हैं। अब तक प्रकाशित यात्रा- वृतांतों को एक साथ देखने के लिए कृपया "एफपी टीम की भारत यात्रा" पर क्लिक करें।

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