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सवर्ण देवी-देवताओं की पूजा में जुट रहे दलित-बहुजन

हम जिस गांव की बात कर रहे हैं, वहां सवर्ण बस्ती भी है। लेकिन इस बार दशहरा के मौके पर उस बस्ती में दुर्गा की कोई प्रतिमा नहीं बिठायी गयी। पूरे गांव में केवल दो लोगों के यहां दुर्गा पूजा का आयोजन किया गया। एक दीपचंद तो दूसरे रघुनाथ नामक व्यक्ति के नेतृत्व में कुर्मी बस्ती में। फारवर्ड प्रेस की खबर :

जहां एक ओर आंबेडकरवाद द्विज परंपराओं को पूरी तरह खारिज करता है वहीं दूसरी ओर दलित-बहुजन बस्तियों में सवर्ण परंपराओं का अनुसरण किया जा रहा है। ऐसा ही एक नजारा बीते दशहरा के दौरान उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले के फूलपुर तहसील के एक बस्ती बाबाूगंज पाली में देखने को मिली जहां दलित समुदाय के लोग रहते हैं। दीपचंद नामक एक व्यक्ति ने सवर्ण देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की और इस पूरे आयोजन में हजारों रुपए फूंक डाले।

लेखक के बारे में

सुशील मानव

सुशील मानव स्वतंत्र पत्रकार और साहित्यकार हैं। वह दिल्ली-एनसीआर के मजदूरों के साथ मिलकर सामाजिक-राजनैतिक कार्य करते हैं

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