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आंखों-देखी : बंगाल में द्विज परंपराओं को दलित-बहुजन दे रहे चुनौती

दलित-बहुजनों के आदर्शों, पुरखों को सांस्कृतिक आयोजनों के बहाने सरेआम बेइज्जत किया जाता रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है असुर सम्राट महिषासुर का दुर्गा पूजा के अवसर पर वध प्रदर्शित करना, जिसके खिलाफ अब व्यापक पैमाने पर होने लगी है मुखालफत। बता रहे हैं उज्ज्वल विश्वास :

मूलनिवासियों द्वारा अपनी आजादी, आदिवासियों में सांस्कृतिक चेतना जगाने, ब्राह्मणवादियों की गुलामी से मुक्ति महसूस करने की पहल देशभर में व्यापक पैमाने पर हो रही है। देश के कोने-कोने में बड़े पैमाने पर हो रहे सांस्कृतिक आंदोलन मूलनिवासियों में अपने पूर्वजों, आदर्शों और जननायकों के प्रति गर्व महसूस कराने की पहलकदमी कर रहे हैं। अपनी पृथक सांस्कृतिक पहचान कायम करने वाला बंगाल भी इससे अछूता नहीं है।

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लेखक के बारे में

उज्जवल विश्वास

उज्जवल विश्वास सामाजिक संगठन बामसेफ और मूलनिवासी समता परिषद के सदस्य हैं

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