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शिवपाल को वामन मेश्राम का साथ, 9 दिसंबर को लखनऊ में महारैली

आगामी 9 दिसंबर 2018 को शिवपाल यादव और वामन मेश्राम ने संयुक्त रूप से लखनऊ में महारैली का आह्वान किया है। इसके लिए जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं। फारवर्ड प्रेस की खबर :

समाजवादी पार्टी से अलग हुए शिवपाल यादव को बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम का साथ मिलेगा। इस क्रम में शिवपाल यादव की नवगठित पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) एवं बहुजन मुक्ति पार्टी आगामी 9 दिसम्बर 2018 को पहली संयुक्त महारैली लखनऊ के रमाबाई मैंदान में आयोजित करने जा रही है।

इस महारैली को ‘संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’ महारैली नाम दिया गया है।  इस मौके पर शिवपाल सिंह यादव व बहुजन मुक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएल मातंग मुख्य रूप से संबोधित करेंगे जबकि राष्ट्रीय कुर्मी महासभा के राष्ट्रीय महासचिव सर्वेश कटियार महारैली का उद्घाटन करेंगे।

इनके अलावा बहुजन मुक्ति मोर्चा के प्रमुख महासचिव बंशीलाल यादव, पिछड़ा वर्ग संघ के राष्ट्रीय संयोजक विकास चौधरी, ओमप्रकाश कुशवाहा, जीतेंद्र राजभर व बहुजन मुक्ति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रामधारी दिनकर महारैली के मुख्य वक्ता होंगे।  

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव व बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम

यह भी पढ़ें : चुनौतियां बड़ी, लेकिन हम दलित-बहुजन पीछे हटने वाले नहीं : वामन मेश्राम

बहुजन मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएल मातंग ने बताया कि इस महारैली में लाखों की संख्या में लोग किसान आयोग गठन की मांग करेंगे ताकि किसान अपनी फसल का मूल्य खुद तय कर सकें और पिछड़ों की जाति आधारित जनगणना कराकर उनके हकों की लूट को रोका जा सके। महारैली के जरिए बेरोजगारों को रोजगार दो या बेरोजगारी भत्ता दो, अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार व पक्षपात तत्काल बंद हो, शिक्षामित्रों के लिए केंद्र सरकार कानून बनाकर उनका समायोजन करे, भ्रष्टाचार पर सख्ती से रोक लगे और जंगलराज खत्म हो आदि मांगें प्रमुखता से रखी जाएंगी।

बहुजन मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी.एल. मातंग

मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि देश इस समय विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है। पिछले साढ़े चार साल से नोटबंदी, जीएसटी तथा महंगाई ने हर तबके सहित गरीब लोगों की कमर तोड़कर रख दी है। किसान, व्यापारी, दिहाड़ी मजदूर, अल्पसंख्यक, महिलाएं आदि सभी परेशान हैं। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं। युवा बेरोजगार घूम रहे हैं जिससे अपराध में बढ़ोतरी हो रही है। इतना ही नहीं, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच गया है और विकास कार्य बिल्कुल ठप्प पड़ा है।

(कॉपी संपादन : एफपी डेस्क)   


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लेखक के बारे में

कुमार समीर

कुमार समीर वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने राष्ट्रीय सहारा समेत विभिन्न समाचार पत्रों में काम किया है तथा हिंदी दैनिक 'नेशनल दुनिया' के दिल्ली संस्करण के स्थानीय संपादक रहे हैं

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