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ऐतिहासिक साक्ष्य : जब बंबई पहुंचा बाबा साहब का पार्थिव शरीर

6 दिसंबर 1956 को डॉ. आंबेडकर के महापरिनिर्वाण के बाद पूरे देश के दलित-बहुजन उदास थे। लेकिन इस मौके पर भी बड़ी संख्या में दलित-बहुजनों ने बंबई में उनके पार्थिव शरीर को छूकर बौद्ध धर्म स्वीकार किया। पढ़ें, सीआईडी, बम्बई की विशेष शाखा के वे दस्तावेज, जिनमें दर्ज हैं डॉ. आंबेडकर की अंतिम यात्रा की पल-पल की घटनाएं :

डॉ. आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस (6 दिसंबर 1956) पर विशेष

[डॉ. आंबेडकर का निधन ऐसे समय में हुआ जब उनके द्वारा बनाए गए संविधान के कारण भारत में जमीनी परिवर्तन होने शुरू हो गए थे। दलितों और आदिवासियों को आरक्षण का अधिकार दिया जाने लगा था। दलित-आदिवासी संसद भी पहुंचे। लेकिन इससे पहले कि डॉ. आंबेडकर दलित-बहुजनों के आंदोलन को और आगे ले जाते, दुर्भाग्यवश उनका निधन 6 दिसंबर 1956 को हो गया। भारत ने एक ऐसे महानायक को खो दिया था जिसने आजीवन विषमताएं झेली, परंतु हार कभी नहीं मानी। जब उनका पार्थिव शरीर बम्बई पहुंचा तब जनसैलाब उमड़ पडा। भीड़ इतनी थी कि स्थानीय प्रशासन के लिए उसे नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा था। प्रस्तुत लेख तत्कालीन परिस्थितियों  पर सीआईडी, बम्बई की विशेष शाखा की विभिन्न रिपोर्टों का संकलन है। इन्हें ‘डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर एंड दी मूवमेंट ऑफ अनटचेबल्स, खंड 1, 1982’ से लिया गया है। अंग्रेजी से अनुवाद कंवल भारती ने किया है।]

दोपहर दो बजे बंबई पहुंचा डॉ. आंबेडकर का पार्थिव शरीर

सीआईडी, बम्बई की विशेष शाखा द्वारा 12 दिसम्बर 1956 को बम्बई सरकार के सचिव को लिखा गया गोपनीय पत्र संख्या 12609/एच—

सेवा में,

सचिव

बम्बई सरकार

गृह विभाग, बम्बई।

विषय : डा. आंबेडकर का अंतिम संस्कार

6 दिसम्बर को दिल्ली में दोपहर एक बजे राज्यसभा सदस्य और शेड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन के नेता डा. बी. आर. आंबेडकर के आकस्मिक निधन की खबर जंगल की आग की तरह पूरे शहर में, ख़ास तौर से पिछड़े वर्ग के समुदायों में फ़ैल गई। भारी संख्या में लोग दादर में हिन्दू कॉलोनी स्थित डा. आंबेडकर के निवास ‘राज गृह’ पर इकट्ठे हो गए, जहाँ वे उनके अंतिम दर्शन करना चाहते थे। लोगों की इतनी ही बड़ी भीड़ सांता क्रूज़ हवाई अड्डे पर थी, जहाँ उनके पार्थिव शरीर को हवाई जहाज से लाने की खबर है।

डा. आंबेडकर का पार्थिव शरीर दोपहर 2 बजे सांता क्रूज़ हवाई अड्डे पर पहुंचा। उनके साथ श्रीमती आंबेडकर, श्री शांताराम शास्त्री, सोहन लाल शास्त्री, बुद्ध महावली शास्त्री और कुछ अन्य लोग थे। इस समय तक वहां लगभग 50 हजार लोग अपने नेता की एक झलक पाने के लिए एकत्र हो चुके हैं। अनेक प्रमुख लोगों ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पहार अर्पित किए हैं। इसके बाद एक एम्बुलेंस में उनके शव को रखकर 50 हजार लोगों के जुलूस के साथ उनके निवास तक ले जाया गया, जहाँ एक लाख से भी ज्यादा लोगों की भीड़ उनके पार्थिव शरीर के आने की प्रतीक्षा कर रही है। अब यह भीड़ चार लाख तक पहुँच गई है।

लगभग 1.40 पर उनके शव को जनता के दर्शनार्थ एक लारी पर रखा गया है और उसे जुलूस के रूप में खारेघाट, विन्सेंट रोड, दादर रोड, पोइवाड़ी, एल्फिन्सटन ब्रिज, सायानी रोड, गोखले रोड (दक्षिण और उत्तर) और रानाडे रोड से होते हुए शिवाजी पार्क स्थित चन्दन वाड़ी श्मशान घाट ले जाया गया, जहाँ वह शाम को 6 बजे पहुंचा। जुलूस में लगभग एक लाख लोगों ने भाग लिया।

वहां उनके शव को चिता पर रखा गया और भदन्त आनंद कोसल्यायन के नेतृत्व में चार बौद्ध भिक्षुओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। दादासाहेब गायकवाड़ ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि डा. आंबेडकर के अनुयाइयों के द्वारा 16 दिसंबर को बम्बई में सामूहिक धर्मान्तरण समारोह होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि जो लोग बौद्ध धर्म ग्रहण करने की इच्छा रखते हैं, वे अपने नेता के पार्थिव शरीर की उपस्थिति में अभी बौद्ध धर्म ग्रहण कर लें। श्री पी. के. अत्रे सहित अधिकांश लोगों ने अपने हाथ उठाकर सहमति दी। भदन्त आनंद कोसल्यायन ने मन्त्रों का पाठ किया, और भीड़ ने उसे दोहराया। और इसके बाद घोषणा की गई कि इन लोगों ने बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया है।

श्री पी. के. अत्रे ने कहा कि डा. आंबेडकर की प्रतिभा के लोग विरले ही पैदा होते हैं। उन्होंने उनके जीवन का इतिहास बताया और कहा कि उन्होंने अपने लोगों के हित में सरकार तथा रुढ़िवादी हिन्दुओं के विरुद्ध अकेले ही लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने टिप्पणी की कि यदि भारत सरकार ने डा. अम्बेडकर के द्वारा तैयार किए गए हिन्दू कोड बिल को स्वीकार कर लिया होता, तो वे अपना धर्म नहीं बदलते। उन्होंने बम्बई और दूसरी जगहों के नागरिकों से महामानव की इच्छा को पूर्ण करने की अपील की।

इसके पश्चात् श्री यशवंतराव बी. आंबेडकर ने चार लाख लोगों की उपस्थिति में लगभग 7.30 बजे चिता को अग्नि दी। बहुत सी पार्टियों के नेता भी वहां उन्हें श्रद्धाजंलि देने के लिए उपस्थित थे।

डा. आंबेडकर के निधन का समाचार सुनकर 12 कपड़ा मिलों के कामगारों ने दूसरी पाली में काम नहीं किया और 9 कपड़ा मिलों के कामगारों ने तीसरी पाली में काम नहीं किया। आठ मामूली पत्थर फेंकने की घटनाएँ हुईं और शहर के उत्तरी भाग में दो वारदातें सोडा वाटर की बोतलें फेंकने की हुईं।

7 दिसंबर 1956 को बंबई में डॉ. आंबेडकर की अंतिम यात्रा की तस्वीर

दूसरे दिन, अर्थात 7 दिसंबर 1956 को बड़ी संख्या में कपड़ा मिलें बंद रहीं, क्योंकि कामगारों ने अंतिम संस्कार में भाग लिया था। माटुंगा, परेल, वाड़ी बुनडर में रेलवे वर्कशाप और कुररी रोड पर जनरल स्टोर बंद रहे, जिसके कारण जनरल मेनेजर को उस दिन का अवैतनिक अवकाश घोषित करना पड़ा। कुछ सिल्क मिलें, फेक्ट्रियां और बीपीटी बंदरगाह भी प्रभावित हुए। बहुत से स्कूल और कालेज भी बंद रहे।

एक 55 वर्षीय बापू अर्जुन नामक व्यक्ति की पेड़ से गिरकर मृत्यु हो गई, जो खोडाडाड, दादर में डा. आंबेडकर के पार्थिव शरीर का दर्शन करने के लिए पेड़ पर चढ़ गया था।

9 दिसम्बर 1956 को डा. आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एक कार्यक्रम भदन्त आनंद कोसल्यायन क अध्यक्षता में शिवाजी पार्क, श्मशान घाट मैदान में आयोजित किया गया। वहां लगभग दो लाख लोग उपस्थित थे, जिसमें श्री बी. डी. खोब्रागडे, दादासाहेब गायकवाड़ और भोंसले भी मौजूद थे। अध्यक्ष ने कहा कि हालाँकि डा. आंबेडकर की मृत्यु से अनुसूचित जाति समुदाय में एक शून्य पैदा हो गया है, परन्तु लोगों को निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि अन्याय के विरुद्ध संघर्ष करने की उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करना चाहिए। उसके बाद उन्होंने उन लोगों को बौद्ध धर्म की शपथ दिलाई, जो 6 दिसम्बर को अनुपस्थित थे। अन्य वक्ताओं ने स्वर्गीय डा. आंबेडकर के जीवन और कार्य पर प्रकाश डाला और लोगों को बौद्ध धर्म का पालन करने की सलाह दी। फिर, केसरिया कपडे से बंधे हुए डा. आंबेडकर की अस्थियों के दो कलशों को एक खुली गाड़ी में रखकर लगभग एक लाख लोगों के विशाल जुलूस के साथ रानाडे रोड, गोखले रोड, सायानी रोड, एल्फिन्स्टन ब्रिज, दादर रोड, दादासाहेब फाल्के रोड और लखाम्सी नापू रोड से होते हुए राजगृह ले जाया गया। जुलूस के साथ प्रमुख लोगों में श्रीमती आंबेडकर, श्री बी. सी. कांबले, बी. एस. गायकवाड, खोब्रागडे और अन्य लोग थे।

उसी शाम, एक विशाल जनसभा बम्बई के नागरिकों के तत्वावधान में शिवाजी पार्क में हुई, जिसकी अध्यक्षता श्री एम. वी. डोंडे ने की और श्री के. एस. ठाकरे, मधुकर महाजन, नौशिर भरुचा, बी. सी. कांबले, डा. एच. आर. कार्णिक, डा. टी. आर. नरवड़े, श्री पगाड़े, एस. जी. पाटकर, एम. हर्रिस, ए. एस. भिड़े, आर. डी. भंडारे, एम. आर. दंडवते, अनंत मंदेकर, दादासाहेब गायकवाड और पी. के. अत्रे ने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस जनसभा में डा. आंबेडकर को महाविद्वान् और महान देशभक्त के रूप में श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया कि उनके जाने से देश की बहुत बड़ी क्षति हुई है। प्रस्ताव में घोषणा की गई कि वे उनके अनुयाइयों के शोक में बराबर के शरीक हैं। तत्पश्चात सब ने दो मिनट का मौन रख कर शोक व्यक्त किया।

(ह.)

कृते पुलिस आयुक्त

ग्रेटर बम्बई,

11 दिसम्बर

वे लोग, जो डा. आंबेडकर के पार्थिव शरीर के साथ दिल्ली से बम्बई आए थे

1-शंकरानंद शास्त्री, 2- सोहन लाल शास्त्री, 3- भोसले इंजीनियर, 4- बुद्ध महाबली शास्त्री, और 5- शंकर आनन्द.

हवाई अड्डे पर उपस्थित प्रमुख लोग

1-एस. एस. मिरजकर, 2-डा. मोरे, 3-आर. के. भोगले, 4-डोंडे, 5-प्रभाकर संजगिरी, 6-डा. कार्णिक (प्राचार्य, सिद्धार्थ कालेज), 7-श्रीमती एच. आर. कार्णिक, 8-बैरिस्टर और श्रीमती समर्थ, 9-श्री आर. दंडवते, 10-एम. आर. डोंडे, 11-एस. जी. पाटकर, 12-एडवोकेट बोराडे, 13-भंडारे, 14-कोवले, 15-कांबले, 16-डी. डी. शामले, 17-आर. बी. राउत, 18-बाबुराव गायकवाड़, 19-तलवलकर, 20-पगारे, 21-कबीर और उनकी बेटियाँ.

श्मशान पर मौजूद लोग

1-पी. के. अत्रे, 2-एम. वी. डोंडे, 3-एन. सी. भरुचा, 4-ए. एच. गद्रे, 5-एम. आर. दंडवते, 6-एम. हर्रिस, 7-राजाभाऊ कोपेर्गड़े, 8-उपश्याम गुरूजी, 9-सी. के. भोले, 10-आर. बी. मोरे, 11-बापुराव जगताप, 12-एम. महाजन, 13-वामन परब, 14-ए. एस. भिड़े, 15-डा. एवं श्रीमती मालती तेंदुलकर, 16-बाबुराव घोलप, 17-दिनकर सखारिकर, 18-वाई. जी. गोंड, 19-प्रभाकर मोरे, 20-एस. जी. सोनगाँवकर,  21-एच. एन. त्रिवेदी, 22-नाना रामजी पाटिल, 23-पद्माकर दंडारे, 24-कोपर, 25-डा. मथकर, 26-बम्बई सरकार के मुख्य सचिव, और 27-एस. एल. सीलम (सभापति).

‘डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर एंड दी मूवमेंट ऑफ अनटचेबल्स, खंड 1, 1982’ का कवर पृष्ठ

डा. आंबेडकर का पार्थिव शरीर

स्टेशन डायरी

दिनांक 6 दिसम्बर, 1956

[अपराह्न 2.20 बजे]

इंस्पेक्टर फांडगी (सी.आई.डी.) ने सूचित किया है कि डा. आंबेडकर का पार्थिव शरीर आज दिल्ली से बम्बई अपराह्न 4 और 5 बजे के बीच हवाई जहाज से आ रहा है, जिसे राजगृह ले जाया जायेगा। हिन्दू कॉलोनी और किंग्सवे पुलिस स्टेशन को सूचित किया जाना चाहिए, क्योंकि हिन्दू कॉलोनी में भीड़ इकट्ठा होनी शुरू हो गई है।

किंग्सवे पुलिस स्टेशन से एस.आई.एस. एटने और बाडे ने तुरंत बंदोबस्त करने की सूचना दी है।

डी.सी.पी.एच. और क्यू.डी.सी.पी.(एन) को उपरोक्त सूचना दे दी गई है।

ई. डिवीज़न के पुलिस अधीक्षक को व्यक्तिगत रूप से पी.आई. चोपड़े के द्वारा स्वयं मुख्यालय जाकर सूचना दी गई है, और उनके निर्देशानुसार भोइभाड़ा पुलिस स्टेशन के ड्यूटी अधिकारी मुल्ला को इस काम के लिए एक एस.आई. और पांच जवान वर्दी में किंग्सवे पुलिस स्टेशन भेजने के लिए कह दिया गया है।

ई.एस. को राजगृह जाकर भीड़ को चेक करने के लिए सूचित किया गया है।

डी.सी.पी. मुख्यालय से प्राप्त निर्देशों के अनुसार निम्नलिखित पुलिस स्टेशनों को डा. आंबेडकर के शव को बम्बई लाये जाने के सम्बन्ध में सतर्क करते हुए कह दिया गया है कि वे भीड़ पर नजर रखें कि उनके अधिकार क्षेत्र में कोई अप्रिय घटना न घटे।

  1. भोइभाड़ा पुलिस स्टेशन के एस.आई. मुल्ला के माध्यम से एफ. डिवीज़न के पुलिस अधीक्षक।
  2. कालाचौकी पुलिस स्टेशन के एस. आई. कदम।
  3. भोइभाड़ा पुलिस स्टेशन के एस.आई. मुल्ला।
  4. बाईकुला पुलिस स्टेशन के एस.आई.
  5. माहिम पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर सावंत।

इन सबको सूचित कर दिया गया है।

[अपराह्न 5.20 बजे]

पुलिस उपायुक्त मुख्यालय ने फोन पर निर्देश दिया है कि श्री देवधर और श्री दामले को लाउडस्पीकर वैन को सांताक्रुज़ एयरोड्रोम पर और बॉम्बे शाखा के लिए वायरलेस वैन को नियुक्त करने के लिए कह दिया जाए, तदनुसार उनको व्यक्तिगत रूप से सूचित कर दिया गया है।

[सायं 7 बजे]

चेम्बूर पुलिस स्टेशन के एस.आई. शिंदे ने सूचित किया है कि उन्हें 3.30 पर यह खबर मिली है कि चेम्बूर रेलवे स्टेशन के पास कोई उपद्रव हुआ है। उन्होंने जाकर देखा तो पता चला कि 25-30 लड़कों ने कुछ सोडा वाटर की बोतलें फेंकी थीं, जो दुकानें बंद कराने के लिए नारे लगा रहे थे। वहां उन्हें वह भीड़ नहीं मिली, लेकिन यह मालूम हुआ कि वह भीड़ कृष्णा कॉलोनी, चेम्बूर की तरफ गयी है, जहाँ नारा लगाने वाले चार लोगों को 151 सीपीसी में गिरफ्तार कर लिया गया.

[रात्रि 10 बजे]

श्री देवधर से प्राप्त निर्देशों पर रात 9.50 पर सभी पुलिस स्टेशनों को निम्नलिखित वायरलेस पास किया गया—

सूचित किया जाता है कि कपड़ा मिलों के कामगार और अन्य फेक्टरियों के मजदूर 7 दिसम्बर 1956 को यानी कल भारत सरकार के पूर्व विधि मंत्री स्व. डा. आंबेडकर की स्मृति में सम्मान के रूप में हड़ताल करने जा रहे हैं। आगे यह भी बताया जाता है कि जो मजदूर काम की हड़ताल करेंगे, वे हालाँकि शांतिपूर्ण रहेंगे, पर उनमें से कुछ बस और ट्रेन रोककर बाधा पैदा कर सकते हैं।

विभागीय इंस्पेक्टरों को सावधान रहना चाहिए और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के उद्देश्य से अपने संबंधित हलकों में निरंतर गश्ती देनी चाहिए। उन्हें तुरंत इस सन्देश के बारे में अपने डिवीजनल अधीक्षकों को भी सूचना देनी होगी। वे 7 दिसम्बर 1956 को एम.टी. स्टेशन से 3 गैलन पेट्रोल निशुल्क ले सकते हैं। किसी भी महत्वपूर्ण घटना की सूचना तुरंत मुख्यालय नियन्त्रण कक्ष और एस. बी.आई. को देनी है।

[रात्रि 10.15 बजे]

सब-इंस्पेक्टर कुलकर्णी, विशेष शाखा-2 ने सांताक्रूज हवाई अड्डे से फोन पर बताया है कि डा. आंबेडकर के पार्थिव शरीर को लेकर आने वाला विमान अपराह्न 2 बजे पहुँच रहा है। उप-आयुक्त पुलिस मुख्यालय, उप-आयुक्त पुलिस (उत्तर) और श्री देवधर तथा पुलिस अधीक्षक भाईजी को अवगत करा दिया गया।

[रात्रि 10.25 बजे]

इंस्पेक्टर घई, एस.बी.आई ने टेलीफोन पर कहा है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बम्बई ने विशेष रूप से नईगांव और परेल इलाके में, तथा बम्बई रेशम मजदूर यूनियन, सभी सिल्क मिलों के कामगारों और नगरपालिका कर्मचारियों ने सोशलिस्ट एवं शेड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन के आह्वान पर कल आम हड़ताल की घोषणा की है। श्री देवधर ने सूचना दी है। इस सम्बन्ध में सभी पुलिस स्टेशनों को वायरलेस सन्देश संदर्भ एस.डी.ई. संख्या 31 जारी कर दिया गया है।

नई दिल्ली के 26, अलीपुर रोड स्थित बंगले में डॉ. आंबेडकर ने ली अंतिम सांस

7 दिसम्बर 1956

[प्रात: 00.45 बजे]

भोइवाड़ा पुलिस स्टेशन के एस.आई. मुल्ला ने रिपोर्ट की है कि 6 दिसम्बर 1956 को सायं 4.30 पर कुछ लोगों ने वडाला जाकर दुकानदारों को डा. आंबेडकर के निधन के उपलक्ष्य में दुकाने बंद रखने को कहा है। वडाला में ‘गला स्टोर एंड प्रोविजिन्स’ में एक छोटा पत्थर फेंका गया है, जिससे उसका शोकेस टूट गया है। कोई जख्मी नहीं हुआ है। कोई गिरफ्तार नहीं हुआ है।

[प्रात: 4.00 बजे]

इंस्पेक्टर सौदागर एस.बी.आई. और फॉक्स ने रिपोर्ट की है कि सांताक्रूज हवाई अड्डे से राजगृह तक डा. आंबेडकर की शवयात्रा में लगभग 50 हजार लोग शामिल हुए हैं।

[प्रात: 5.30 बजे]

श्री देवधर ने फोन पर कहा है कि डा. आंबेडकर की शवयात्रा का जुलूस खारेघाट, विन्सेंट रोड, पोइबावड़ी, सुपारी बाग़ रोड होते हुए कृष्णा नगर तक और वहां से एलफिंसटन ब्रिज, धान मिल नाका, घोखले रोड दक्षिण, पुर्तगाली चर्च, घोखले रोड उत्तर, रानाडे रोड एक्सटेंसन और समुद्र फेस तक जायेगा। पुलिस उप-आयुक्त (उत्तर), किंग्सवे पुलिस स्टेशन दादर और भोइवाड़ा, माहिम, कालाचौकी, ई और एफ डिवीजनों के पुलिस कप्तानों को सम्बन्धित पुलिस स्टेशन के माध्यम से सूचित कर दिया गया है।

[प्रात: 9.20 बजे]

एस.बी.आई. के विशेष सब-इंस्पेक्टर मेहता ने सूचित किया है कि निम्नलिख्जित मिलें मजदूरों की हड़ताल के कारण बंद रहेंगी— (1) स्वदेशी मिल्स, कुर्ला, (2) टाटा मिल्स, (3) फिनले मिल्स, (4) गोल्ड मोहर,  (5) इंडियन मेनुफेक्चरिंग कम्पनी लिमिटेड, (6) हिन्दुस्तान मिल्स, (7) खटाऊ मानेकजी मिल्स, (8) सिम्पलेक्स मिल्स, (9) अपोलो मिल्स, (10) श्री सीताराम मिल्स, (11) न्यू चाइना मिल्स, (12) पोदार मिल्स, (13) ब्राडबरी मिल्स, (14) जैम मिल्स नम्बर 1 और (15) दिग्विजय। इनमे से कुछ में आंशिक हड़ताल रहेगी। बी.ई.एस.टी. वर्कशाप्स, किंग्सवे ट्रेन विभाग में 850 कर्मचारियों में से 450 छुट्टी लेकर चले गए हैं। बस विभाग में 1000 में से केवल 50 कर्मचारियों ने अवकाश लिया है। फोरेस रोड म्युनिसिपल वर्कशाप में पूर्ण रूप हड़ताल रहेगी।

[प्रात: 10.35 बजे]

विशेष शाखा के विशेष सब-इंस्पेक्टर मेहता ने सूचित किया है कि इन मिलों में पूर्णतय: हड़ताल रहेगी— (1) बॉम्बे डाइंग टेक्सटाइल, (2) कोहिनूर मिल्स, नम्बर 3 दादर, (3) रघुवंशी मिल, (4) विक्टोरिया मिल, (5) प्रकाश कॉटन मिल्स, (6) हिन्द मिल्स, (7) सेंचुरी मिल, और (8) मधुसूदन मिल।

जिन मिलों में आंशिक हड़ताल रहेगी, वे ये हैं– (1) सैसून स्पिनिंग मिल, (2) कुर्ला स्पिनिंग एंड वीविंग, और (3) श्रीराम. इसके सिवा 60 मिलों में से 11 मिलें बंद रहेंगी।

माटुंगा सेन्ट्रल रेलवे वर्कशाप के सभी कर्मचारी सुबह 9 बजे चले गए हैं और वहाँ पूर्ण हड़ताल रहेगी। सेन्ट्रल रेलवे परेल वर्कशाप में भी हड़ताल रहेगी। भारतीय नौसेना डॉकयार्ड के 5,500 कर्मचारियों में 500 कर्मचारी हड़ताल पर हैं। भारतीय टकसाल के 1,850 कर्मचारियों में 200 कर्मचारी हड़ताल पर हैं। प्रीमियर ऑटोमोबाइल्स, कुर्ला में पूर्ण हड़ताल है।

[अपराह्न 3 बजे]

पुलिस इंस्पेक्टर सौदागर ने टेलीफ़ोन पर कहा है कि वह कलेक्टर प्रतिनिधि के साथ दादर पुलिस स्टेशन जा रहे हैं और यह इच्छा व्यक्त की है कि निम्नलिखित सन्देश पुलिस उपायुक्त मुख्यालय, एस.बी. सी.बी. और दादर पुलिस स्टेशन (एफ डिवीजन के पुलिस अधीक्षक के लिए) को भेज दिया जाए। पूछताछ से पता चला है कि उच्च जल स्तर का निशान पूर्ववर्ती बीपीटी से संबंधित है, और उन्होंने बीपीटी कार्यालय जाकर डॉक के उप प्रबन्धक से पूछताछ की और यह पता लगाया गया कि बीपीटी से सम्बन्धित तट तक शव को ले जाने की किसी ने कोई अनुमति नहीं ली है और न कलेक्टरों ने अपने क्षेत्र के लिए किसी को कोई अनुमति दी है।

सन्देश पुलिस उपायुक्त मुख्यालय और एस.बी. को जारी कर दिया गया है। (पुलिस उपायुक्त सी.बी. से सम्पर्क नहीं हो सका) और दादर पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर करन सिंह को, एफ डिवीजन के पुलिस अधीक्षक को सूचित करने के लिए सन्देश दे दिया गया है।

किंग्सवे पुलिस स्टेशन के पदवल के सब-इंस्पेक्टर ने टेलीफोन पर कहा है कि जुलूस राजगृह, तिलक ब्रिज से लगभग अपराह्न 1.15 पर शुरू होकर लगभग 2.35 पर किंग्सवे क्षेत्र से गुजर चुका है। 50-60 हजार लोगों की तगड़ी भीड़ है। अब जुलूस भोइवाड़ा क्षेत्र में है।

[रात्रि 8.45 बजे]

जुलूस अपराह्न 1.40 पर राजगृह हिन्दू कॉलोनी, तिलक ब्रिज से आरम्भ हुआ और निर्धारित मार्गों से होता हुआ सायं 5.24 पर शिवाजी पार्क ‘सोनापुर’ पहुंचा। अंतिम शव यात्रा में लगभग दो लाख लोग शामिल हुए थे, जो सायं 7.35 पर समाप्त हुई। 7.50 पर अधिकांश भीड़ फ़ैल गई थी, और सड़कों पर यातायात बंद हो गया था, जिसे पुलिस उपायुक्त ए.एफ़. ने खुलवाया। हिन्दू कॉलोनी में शवयात्रा जुलूस में शामिल 50 हजार की भीड़ सोनापुर गंतव्य तक बढ़कर 2 लाख हो गई थी।

जुलूस के सम्बन्ध में किसी अप्रिय घटना की रिपोर्ट नहीं है और जुलूस अंतिम संस्कार समारोह तक शांतिपूर्ण रहा।

पुलिस आयुक्त और सचिव गृह विभाग को समय-समय पर स्थिति की सूचना दी गई।

आपातकाल स्टेशन डायरी

7 दिसम्बर 1956

श्रम अधिकारी, अम्बिका सिल्क मिल्स, हैंस रोड ने रिपोर्ट की है कि उनकी मिल में काम चल रहा है  और कुछ बाहरी लोग पत्थर फेंक रहे हैं तथा मजदूरों को काम करने से रोक रहे हैं।

डोरू और अगरीपाड़ा पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर पराड़कर ने अलग-अलग सूचित किया है। डोरू ने सुबह 8.32 पर सूचित किया है कि वह अम्बिका मिल्स गए थे, पर वहां उन्हें कुछ भी गड़बड़ नहीं मिली। 7.39 पर वहां कुछ लड़के मिल बंद करवाने गए थे और कुछ पत्थर फेंक कर भाग गए थे।

[प्रात: 8.45 बजे]

फ़ीनिक्स मिल्स, तुलसी पाइप रोड के श्रम अधिकारी श्री शाह ने खबर की है कि कुछ लोग फेक्ट्री पर पत्थर फेंक रहे हैं और मजदूरों को हड़ताल पर जाने को कह रहे हैं।

फॉक्स ने रिपोर्ट की है कि वह घटना स्थल पर गए थे और वहां से भीड़ को हटा दिया है। मिल में कुछ पत्थर फेंके जाने की बात कही गई है। कुछ कांच टूट गए हैं। स्थिति सामान्य है।

[प्रात: 8.55 बजे]

श्री दंपले स्टैण्डर्ड मिल्स, न्यू प्रभा देवी रोड, दादर ने सूचित किया है कि मिल के पीछे से पत्थर फेंके जा रहे हैं। फॉक्स 9.20 पर घटना स्थल पर गए। चना गली के पीछे की ओर से कुछ पत्थर फेंके गए थे। अब स्थिति सामान्य है।

[प्रात: 9.45 बजे]

सब-इंस्पेक्टर, भोइवाड़ा ने डा. शिरोडकर रोड, परेल में मर्फी रेडियो कम्पनी पर पत्थर फेंके जाने की सूचना दी है। एक खिड़की का शीशा टूट गया है। अब स्थिति ठीक है।

ईजी ने जुबली मिल्स के निकट बोबसन एंड कं., सीवरी को जाकर देखा। कम्पनी के मजदूरों ने मेनेजर को कम्पनी में काम बंद करने को कहा था। पर मेनेजर ने इनकार कर दिया। इसके बाद वे बाहर चले गए और पत्थरबाजी की, जिससे दो शीशे टूट गए हैं। कम्पनी में काम जारी है।

[प्रात: 10.49 बजे]

ईजी ने परेल में न्यू सन मिल कंपाउंड के निकट स्थान का निरीक्षण किया। जाँच से पता चला है कि सुबह लगभग 10.15 पर 30-40 लडकों ने मेनेजर के पास जाकर सन मिल बंद करने का अनुरोध किया, और उनमें से एक ने कुछ पत्थर फेंके, जिससे तीन शीशे टूट गए। मिल के एक अधिकारी आर. एन. कोठारी ने बताया कि मिल में काम अब बंद कर दिया है। स्थिति सामान्य है।

[प्रात: 10.50 बजे]

फॉक्स ने टायर सोल्स रबर कम्पनी, प्रभादेवी में सहायक प्रबन्धक श्री रमानी से सम्पर्क किया, जिसने बताया कि 10-15 लोग इकट्ठा हुए और पत्थरबाजी करके भाग गए। कम्पनी में काम हो रहा है। दादर पुलिस स्टेशन का पी. एन. संख्या 1307/एफ क्षेत्र गश्ती पर है। सब-इंस्पेक्टर जोहरी ने सूचित किया है कि पत्थरबाजी से दो शीशे टूट गए हैं।

[अपराह्न 12.45 बजे]

कालाचौकी पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर गरुड़ सूचना देते हैं कि नेशनल इलेक्ट्रिक इंडिया लि. लालबाग और कैलिको मिल के कुछ श्रमिकों ने बाहर जाकर दोनों कम्पनियों पर पत्थरबाजी की। कैलिको में कोई नुक्सान नहीं हुआ, पर नेशनल इलेक्ट्रिक के दो शीशे टूट गए। वहां गार्ड तैनात कर दिया है।

[अपराह्न 3.20 बजे]

स्टैण्डर्ड मिल, प्रभादेवी के मेनेजर श्री त्रिवेदी सूचना देते हैं कि मिल के बाहर 200-300 लोग इकट्ठे हो गए हैं और वफादार कामगारों को मिल में जाने से रोक रहे हैं। फॉक्स और दादर पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर करन सिंह को सूचित कर दिया गया है।

(अनुवाद : कंवल भारती, कॉपी संपादन : नवल)


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बहुजन साहित्य की प्रस्तावना 

दलित पैंथर्स : एन ऑथरेटिव हिस्ट्री : लेखक : जेवी पवार 

महिषासुर एक जननायक’

महिषासुर : मिथक व परंपराए

जाति के प्रश्न पर कबी

चिंतन के जन सरोकार

 

लेखक के बारे में

सीआईडी, बंबई

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