फेलोशिप स्कॉलर्स की ट्विटर मुहिम व उसके बाद संबंधित मंत्रालयों में ईमेल भेजने की अपील काम करती हुई दिखाई दे रही है। मंत्रालय के अधिकारिक ईमेल आईडी पर देशभर से शोधार्थी ईमेल भेज रहे हैं। इस बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव व आईआईटी, खड़गपुर के प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने ट्विट के जरिए शोधार्थियों को आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा है, “फेलोशिप बढ़ोतरी मामले पर बड़ी तेजी से काम चल रहा है और यह बिल्कुल अंतिम चरण में है।”
उन्होंने ट्वीटर पर यह भी जानकारी दी है, “सभी फेलोशिप ग्रांटिंग एजेंसी को एक बोर्ड (छतरी) के तहत ला दिया गया है, जिससे इस दिशा में जो भी निर्णय आने वाला है, वह सभी रिसर्च स्कॉलर्स के लिए होगा, किसी विशेष रिसर्च स्कॉलर के लिए केवल नहीं होगा।
1/3 I am happy to share that the process to be followed for the Fellowship hike is fully on track and nearing its end. @ResearchSchola6 @HikeFellowship @IndiaDST @PrinSciAdvGoI
— Ashutosh Sharma (@Ashutos61) December 16, 2018
बताते चलें कि फेलोशिप की राशि में वृद्धि की घोषणा नहीं किए जाने को लेकर शोधार्थी आंदोलित हैं। इससे पहले उन्होंने 10 दिसंबर 2018 तक का डेडलाइन सरकार को दिया था। परंतु सरकार जब टस से मस नहीं हुई और शोधार्थियों ने अपना आंदोलन तेज किया तब भारत सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर के. विजय राघवन ने ट्विट कर शोधार्थियों को आश्वस्त किया था कि सरकार फेलोशिप में वृद्धि की दिशा में काम कर रही है। परंतु, शोधार्थियों ने उनकी एक न सुनी और 10 दिनों का समय और देते हुए डेडलाइन 21 दिसंबर कर दिया। बताया गया कि सरकार ने फेलोशिप की राशि में 80 से 100 प्रतिशत की वृद्धि करने की घोषणा नहीं की गयी तब 21 दिसंबर को बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।
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जाहिर तौर पर यह शोधार्थियों के आंदोलन का ही परिणाम है कि सरकार बैकफुट पर है। हालांकि अभी भी केवल ट्विट के जरिए आश्वासन ही दिए जा रहे हैं। शोधार्थी भी अाशुतोष शर्मा के ट्विट पर सवाल उठा रहे हैं कि कबतक केवल आश्वासनों पर भरोसा किया जाए? ट्विटर पर यह भी कहा जा है कि लगभग 15 दिन पहले भी आश्वासन दिया गया था और आज भी अाश्वासन ही दिया जा रहा है। लिखित में कुछ भी नहीं बताया जा रहा है कि कब तक बढ़ोतरी हो जाएगी और कितनी बढ़ोतरी हो रही है? कुछ रिसर्च स्कॉलर्स ने तो साफ-साफ ट्वीट कर कहा है कि 21 दिसम्बर तक का समय है, तब तक फेलोशिप पर निर्णय ले लें, अन्यथा उस दिन के बाद रिसर्च स्कॉलर्स के पास एकमात्र रास्ता आंदोलन का ही बचेगा। देश भर के रिसर्च स्कॉलर्स फेलोशिप में बढ़ोतरी को लेकर हो रही देरी से काफी नाराज हैं और अब वे आश्वासन के भरोसे चुप नहीं बैठने वाले, उन्हें इस दिशा में निर्णय, फैसला चाहिए।
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याद रहे कि कि बीते चार वर्षों से नेट, गेट उत्तीर्ण करने वाले रिसर्च स्कॉलरों की फेलोशिप की राशि नहीं बढ़ी है जबकि हर चार साल में फेलोशिप राशि बढ़ायी जाती रही है। इस बार चार साल पूरा हुए छह महीने से अधिक हो चुका है। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब देश भर के लाखों जूनियर रिसर्च फेलो व सीनियर रिसर्च फेलो फेलोशिप बढ़ाने के लिए इस तरह अपनी आवाज बुलंद कर रहे हों। इससे पहले फेलोशिप राशि व भत्ता बढ़ाने के लिए 2014 में भी इसी तरह हजारों रिसर्च स्काॅलर्स को आंदोलन करना पड़ा था।
(कॉपी संपादन : प्रेम/एफपी डेस्क)
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