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कांग्रेस को मिली जीत के पीछे ओबीसी

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को मिली जीत और मोदी-शाह की जोड़ी को मिली हार के कारणों की तलाश की जा रही है। दलित वोटरों , सवर्णों की नाराजगी और राहुल गांधी के सॉफ्ट हिंदुत्व पर चर्चा तो हो रही है, लेकिन ओबीसी की बात नहीं की जा रही है, जिसके कारण कांग्रेस को जीत नसीब हुई है। अरूण कुमार का विश्लेषण :

भाजपा की ही तीर से भाजपा को हराया

बीते 11 दिसम्बर 2018 को भारतीय जनता पार्टी के नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी के लिए अब तक के सबसे बुरे दिन के रूप में याद किया जाएगा। इस दिन पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे आए और सभी राज्यों में भाजपा की पराजय हुई। दक्षिण भारत के तेलंगाना और उत्तर-पूर्व के राज्य मिजोरम में भाजपा के हार की विशेष चर्चा नहीं हो रही है। चर्चा हिन्दी प्रदेश के तीन बड़े राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा की हार की अधिक हो रही है। उसमें भी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा की हार की सबसे अधिक चर्चा हो रही है, क्योंकि यहां पन्द्रह सालों से वह सत्ता में थी। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ को तो भाजपा नेतृत्व अपने विकास के मॉडल के रूप में प्रचारित करते हुए थकता नहीं था। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर का सबसे अधिक असर यहीं दिखा था और कुल 65 में से 62 सीटें भाजपा ने जीत ली थी। फिर ऐसा क्या हुआ कि इन तीनों राज्यों में भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा।

पूरा आर्टिकल यहां पढें भाजपा की ही तीर से भाजपा को हराया

 

 

 

 

 

लेखक के बारे में

अरुण कुमार

अरूण कुमार दिल्ली विश्वविद्यालय में प्राध्यापक हैं। उन्होंने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से 'हिन्दी उपन्यासों में ग्रामीण यथार्थ' विषय पर पीएचडी की है तथा इंडियन कौंसिल ऑफ़ सोशल साईंस एंड रिसर्च (आईसीएसएसआर), नई दिल्‍ली में सीनियर फेलो रहे हैं। संपर्क (मोबाइल) : +918178055172

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