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रिसर्च स्कॉलरों का इंतजार खत्म, फेलोशिप राशि में हुई 25 फीसदी की बढ़ोतरी

केंद्र सरकार ने रिसर्च स्कॉलरों को दी जाने वाली फेलोशिप में 25 फीसदी वृद्धि की घोषणा कर दी है। परंतु, रिसर्च स्कॉलर्स इसे सरकार की धोखाधड़ी करार दे रहे हैं। उनके मुताबिक यह वृद्धि अपर्याप्त है

रिसर्च स्कॉलर नहीं मान रहे हैं इसे खुशखबरी

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बुधवार 30 जनवरी 2019 को रिसर्च स्कॉलर्स की फेलोशिप बढ़ोतरी की आधिकारिक घोषणा कर दी है। इसके तहत फेलोशिप की राशि में 25 फीसदी की वृद्धि की गई है। वहीं सरकार के इस पहल को रिसर्च स्कॉलर अपर्याप्त मान रहे हैं। वे फेलोशिप की राशि में 80 से 100 फीसदी तक की वृद्धि की मांग कर रहे हैं।

बहरहाल, मंत्रालय की घोषणा के मुताबिक, अब जूनियर रिसर्च फेलो (जेआरएफ) को 31,000 रुपए व सीनियर रिसर्च फेलो (एसआरएफ) को 35,000 रुपए फेलोशिप के रूप में प्रतिमाह मिला करेगी।

बताते चलें कि चार साल पहले 2014 में 56 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। इसी आधार पर रिसर्च स्कॉलर इस बार अधिक वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे। यही वजह है कि 25 फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा से वे खुश नहीं है और इसे धोखा  मान रहे हैं।

डा. हर्षवर्द्धन, केंद्रीय मंत्री, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय व फेलोशिप में वृद्धि की मांग करते रिसर्च स्कॉलर

दूसरी ओर, केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से 30 जनवरी 2019 को जारी ऑफिस मेमोरेंडम में बताया गया है कि बढ़ोत्तरी के बाद जूनियर रिसर्च फेलो को 31 हजार रुपए व सीनियर रिसर्च फेलो को 35 हजार रुपए, रिसर्च एसोसिएट-1 को 47 हजार रुपए, रिसर्च एसोसिएट-2 को 49 हजार रुपए और रिसर्च एसोसिएट-3 को 54 हजार रुपए प्रतिमाह मिलेंगे।

बताते चलें कि जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) स्कॉलर को अभी तक 25,000 रुपए व सीनियर रिसर्च फेलोशिप स्कॉलर को अभी तक 28,000 रुपए प्रति महीने बतौर फेलोशिप मिलते रहे हैं। रिसर्च स्कॉलर इस बार हुई फैलोशिप राशि में 25 फीसदी बढ़ोतरी को लेकर संतुष्ट नहीं है। सोसायटी ऑफ यंग साइंटिस्ट के अध्यक्ष लालचंद विश्वकर्मा का कहना है कि यह रिसर्च स्कॉलर्स के साथ धोखा है।

(कॉपी संपादन : एफपी डेस्क)


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लेखक के बारे में

कुमार समीर

कुमार समीर वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने राष्ट्रीय सहारा समेत विभिन्न समाचार पत्रों में काम किया है तथा हिंदी दैनिक 'नेशनल दुनिया' के दिल्ली संस्करण के स्थानीय संपादक रहे हैं

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