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फेलोशिप में वृद्धि को लेकर एमएचआरडी पर प्रदर्शन करेंगे रिसर्च स्कॉलर्स, पुलिस से मांगी इजाजत

आगामी 16 जनवरी को देश-भर के रिसर्च स्कॉलर्स दिल्ली में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के समक्ष प्रदर्शन करेंगे। इसकी वजह यह है कि सरकार ने उनकी फेलोशिप में वृद्धि की घोषणा नहीं की है

फेलोशिप की राशि नहीं बढ़ाए जाने से देश-भर के रिसर्च स्कॉलर्स खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। उनका सरकार के आश्वासनों से भरोसा उठ गया है और अब वे लोग आंदोलन तेज करने जा रहे हैं। इस क्रम में आंदोलनरत शोधार्थियों ने आगामी 16 जनवरी 2019 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) पर प्रदर्शन करने की इजाजत के लिए पार्लियामेंट स्ट्रीट थाना व पुलिस मुख्यालय दोनों जगह प्राथना-पत्र दिया है।

सोसाइटी ऑफ यंग साइंटिस्ट के चेयरमैन लालचंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि 16 जनवरी को जंतर-मंतर से एमएचआरडी तक शांतिपूर्ण मार्च निकालने के लिए आवेदन दिया है। हालांकि, अभी तक इजाजत नहीं मिली है। हम सब 15 जनवरी तक इजाजत मिलने का इंतजार करेंगे और उसके बाद भी अगर इजाजत नहीं मिलती है, तो फिर 16 जनवरी को सुबह 11ः00 बजे देश-भर से आने वाले रिसर्च स्कॉलर जंतर-मंतर पर एकत्र होंगे और फिर शांतिपूर्ण तरीके से मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ कूच करेंगे।

सोसाइटी ऑफ यंग साइंटिस्ट के चेयरमैन लालचंद्र विश्वकर्मा

विश्वकर्मा ने कहा है कि वे लोग पिछले चार महीने से फेलोशिप राशि में बढ़ोतरी को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सिवाय आश्वासन के कुछ भी सकारात्मक नहीं हुआ है। तीन-तीन डेडलाइन 10 दिसंबर 2018, 22 दिसंबर 2018 व 3 जनवरी 2019 दिए जाने के बावजूद कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है।

फेलोशिप में वृद्धि को लेकर प्रदर्शन करते शोधार्थी

उन्होंने बताया कि इस शांतिपूर्ण मार्च में देश-भर के रिसर्च स्कॉलर्स शामिल होने जा रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगें नहीं मान ली जाती हैं, तब तक वे लोग दिल्ली में डटे रहेंगे और शांतपूर्ण मार्च निकालते रहेंगे। ‘अनुसंधान का सहयोग करो, दिल्ली चलो-दिल्ली चलो’ स्लोगन के साथ देश-भर के रिसर्च स्कॉलर्स का आह्वान किया गया है। उनकी मुख्य मांगों में 01 अप्रैल 2018 से 80 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ फेलोशिप राशि का समय से भुगतान करना और प्रत्येक चार वर्ष पर स्वत: वृद्धि करना शामिल है।

(कॉपी संपादन : प्रेम/एफपी डेस्क)


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लेखक के बारे में

कुमार समीर

कुमार समीर वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने राष्ट्रीय सहारा समेत विभिन्न समाचार पत्रों में काम किया है तथा हिंदी दैनिक 'नेशनल दुनिया' के दिल्ली संस्करण के स्थानीय संपादक रहे हैं

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