h n

5000 किलो ‘समरसता’ खिचड़ी बनाएगा भाजपा का अनुसूचित जाति मोर्चा

दिल्ली भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा द्वारा 6 जनवरी को दिल्ली के रामलीला मैदान में 5000 किलो की समरसता खिचड़ी बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा। दलित-बहुजन वैचारिकी से जुड़े लोगों ने भाजपा की इस कवायद को नया हास्यास्पद पाखंड बताया है

दिल्ली भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा 6 जनवरी को दिल्ली के रामलीला मैदान में भीम महासंगम का आयोजन करेगी। इस अवसर पर विशेष तौर से ‘समरसता खिचड़ी’ बनाई जायेगी जो सभी कार्यकर्ताओं के बीच वितरित होगी।

अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल गिहारा ने फॉरवर्ड प्रेस को बताया कि  “कार्यक्रम में 5000 किलोग्राम खिचड़ी बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया जायेगा। इस खिचड़ी को बनाने वाले नागपुर के शेफ विष्णु मनोहर होंगे, जिन्होंने पूर्व में 3000 किलो की खिचड़ी बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है।”

उन्होंने दावा किया  कि इस खिचड़ी को बनाने के लिए लगभग तीन लाख परिवारों से एक-एक मुट्ठी दाल-चावल इकट्ठा किया जा रहा है। अभी तक लगभग 60 प्रतिशत दाल-चावल इकट्ठा हो गया है और बाकी 2 जनवरी तक पूरा हो जाएगा।

अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल गिहारा का कहना है कि समरसता खिचड़ी के माध्यम से दलित समाज, जो अलग-अलग जातियों में बटा हुआ है, उन सभी को एक करने की  पहल मोर्चा द्वारा की जा रही है।

मनोज तिवारी – फोटो : अमर उजाला

उन्होंने कहा कि “हम भीम महासंगम, विजय संकल्प 2019 के माध्यम से यह संदेश समाज को देना चाहते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी जी दिल से अनुसूचित समाज का भला चाहते हैं।”

दूसरी ओर दलित-बहुजन वैचारिकी से जुड़े बुद्धिजीवियों ने भाजपा की इस कवायद को एक नया हास्यास्पद पाखंड बताया है। उनका  कहना है कि भाजपा की समरसता का अर्थ समानता की विचारधारा के विपरीत मनु के कानून के आधार पर शुद्र-अतिशूद्र जातियों पर द्विज जातियों का वर्चस्व स्थापित करना है।

(कॉपी संपादन : फारवर्ड प्रेस डेस्क/अर्चना)


फारवर्ड प्रेस वेब पोर्टल के अतिरिक्‍त बहुजन मुद्दों की पुस्‍तकों का प्रकाशक भी है। एफपी बुक्‍स के नाम से जारी होने वाली ये किताबें बहुजन (दलित, ओबीसी, आदिवासी, घुमंतु, पसमांदा समुदाय) तबकों के साहित्‍य, सस्‍क‍ृति व सामाजिक-राजनीति की व्‍यापक समस्‍याओं के साथ-साथ इसके सूक्ष्म पहलुओं को भी गहराई से उजागर करती हैं। एफपी बुक्‍स की सूची जानने अथवा किताबें मंगवाने के लिए संपर्क करें। मोबाइल : +917827427311, ईमेल : info@forwardmagazine.in

फारवर्ड प्रेस की किताबें किंडल पर प्रिंट की तुलना में सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं। कृपया इन लिंकों पर देखें 

बहुजन साहित्य की प्रस्तावना 

दलित पैंथर्स : एन ऑथरेटिव हिस्ट्री : लेखक : जेवी पवार 

महिषासुर एक जननायक’

महिषासुर : मिथक व परंपराए

जाति के प्रश्न पर कबी

चिंतन के जन सरोकार

लेखक के बारे में

कुमार समीर

कुमार समीर वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने राष्ट्रीय सहारा समेत विभिन्न समाचार पत्रों में काम किया है तथा हिंदी दैनिक 'नेशनल दुनिया' के दिल्ली संस्करण के स्थानीय संपादक रहे हैं

संबंधित आलेख

यूपी : दलित जैसे नहीं हैं अति पिछड़े, श्रेणी में शामिल करना न्यायसंगत नहीं
सामाजिक न्याय की दृष्टि से देखा जाय तो भी इन 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने से दलितों के साथ अन्याय होगा।...
बहस-तलब : आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पूर्वार्द्ध में
मूल बात यह है कि यदि आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाता है तो ईमानदारी से इस संबंध में भी दलित, आदिवासी और पिछड़ो...
साक्षात्कार : ‘हम विमुक्त, घुमंतू व अर्द्ध घुमंतू जनजातियों को मिले एसटी का दर्जा या दस फीसदी आरक्षण’
“मैंने उन्हें रेनके कमीशन की रिपोर्ट दी और कहा कि देखिए यह रिपोर्ट क्या कहती है। आप उन जातियों के लिए काम कर रहे...
कैसे और क्यों दलित बिठाने लगे हैं गणेश की प्रतिमा?
जाटव समाज में भी कुछ लोग मानसिक रूप से परिपक्व नहीं हैं, कैडराइज नहीं हैं। उनको आरएसएस के वॉलंटियर्स बहुत आसानी से अपनी गिरफ़्त...
महाराष्ट्र में आदिवासी महिलाओं ने कहा– रावण हमारे पुरखा, उनकी प्रतिमाएं जलाना बंद हो
उषाकिरण आत्राम के मुताबिक, रावण जो कि हमारे पुरखा हैं, उन्हें हिंसक बताया जाता है और एक तरह से हमारी संस्कृति को दूषित किया...