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अंतरिम बजट में सरकार ने खोला किसानों के लिए पिटारा

अंतरिम बजट में कहा गया है कि 2 हेक्टेयर तक छोटी जोत वाले किसान परिवारों को 6,000 रुपए प्रति वर्ष की दर से प्रत्यक्ष आय सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। यह आय सहायता 2 हजार रुपए प्रत्येक की तीन समान किस्तों में लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में सीधे ही स्थानांतरित कर दी जाएगी

लोकसभा चुनाव के पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया। बजट में सरकार ने लगभग सभी वर्गों के लिए घोषणाएं की। सरकार ने नाराज चल रहे किसानों का अंतरिम बजट में खास ख्याल रखा। केंद्रीय वित्त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने 1 फरवरी को संसद में 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए घोषणा की कि छोटे और सीमांत किसानों को निश्चित आय सहायता उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की शुरुआत की है।

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 2 हेक्टेयर तक छोटी जोत वाले किसान परिवारों को 6,000 रुपए प्रति वर्ष की दर से प्रत्यक्ष आय सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। यह आय सहायता 2 हजार रुपए प्रत्येक की तीन समान किस्तों में लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में सीधे ही स्थानांतरित कर दी जाएगी। इस कार्यक्रम का वित्त पोषण भार  सरकार द्वारा किया जाएगा।

केंद्रीय वित्त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस योजना से लगभग 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसान परिवारों के लाभान्वित होने की उम्मीद है। यह कार्यक्रम एक दिसम्बर 2018 से शुरू हाेगी और 31 मार्च 2019 तक की अवधि के लिए पहली किस्त की राशि वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान भुगतान कर दी जाएगी। इस कार्यक्रम पर 75 हजार करोड़ रुपए का वार्षिक व्यय आएगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि अधिकांश छोटे किसान परिवारों को न केवल निश्चित पूरक आय उपलब्ध कराएगा बल्कि विशेष रूप से फसल कटाई सीजन से पूर्व किसानों की आकस्मिक जरूरतों को भी पूरा करने में मदद करेगा। यह किसानों के लिए एक सम्मानित जीवन अर्जित और जीने का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।

  • छोटे व सीमांत किसानों को प्रतिवर्ष 6 हजार रुपए की सहायता

  • लगभग 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसान परिवारों को मिलेगा लाभ

राष्ट्रीय गोकुल मिशन

श्री गोयल ने पशुपालन के संबंध में कहा कि इस वर्ष राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए आवंटन बढ़ाकर 750 करोड़ रुपए कर दिया गया है। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय कामधेनू आयोग की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे गाय संसाधनों का सतत अनुवांशिक उन्नयन करने और गायों का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह आयोग गायों के लिए कानूनों और कल्याण योजना को प्रभावी रूप से लागू करने की भी देखभाल करेगा।

श्री गोयल ने कहा कि पिछले बजट में हमारी सरकार ने पशुपालक और मत्स्य पालक किसानों के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड योजना ( केसीसी) का विस्तार करने की घोषणा की थी। अब किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण लेकर पशुपालन और मत्स्य पालन की गतिविधियां चला रहे किसानों के लिए 2 प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ देने का प्रस्ताव करता हूं। इसके अलावा ऋण का समय पर वापस करने पर तीन प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज छूट भी दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाएं आने पर किसान आमतौर पर अपने फसल ऋणों का भुगतान करने में असमर्थ हो जाते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान में ऐसे प्रभावित किसानों के लिए फसल ऋणों का पुन: कार्यक्रम बनाया जा रहा है और किसानों को पुन: अनुसूचित ऋणों के पहले वर्ष के लिए दो प्रतिशत ब्याज छूट कि लाभ मिलेगी। इसके साथ ही प्राकृतिक आपदाओं से बुरी तरह प्रभावित सभी किसानों को जहां सहायता राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से उपलब्ध करायी जा रही हो, 2 प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा और उनके ऋणों की पुन: अनुसूचित पूरी अवधि के लिए 3 प्रतिशत तत्काल पुन: भुगतान प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।

वित्त मंत्री ने अपने करीब पौने दो घंटे के बजट भाषण के अंत में कहा, “ये सिर्फ अंतरिम बजट नहीं है, यह देश की विकास यात्रा का माध्यम है।

एक नजर में अंतरिम बजट

  • पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय पूरी तरह से कर मुक्त होगी और विभिन्न निवेश उपायों के साथ 6.50 लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय पर कोई कर नहीं देना होगा। व्यक्तिगत कर छूट का दायरा बढ़ने से तीन करोड़ करदाताओं को 18,500 करोड़ रुपये तक का कर लाभ मिलेगा। वेतनभोगी तबके के लिए मानक कटौती को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया गया।
  • सालाना 40,000 रुपये तक के ब्याज पर टीडीएस नहीं काटा जाएगा और किराये से होने वाली आय पर टीडीएस की सीमा 1.80 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.40 लाख करोड़ रुपये की गयी।
  • 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटा 3.3 प्रतिशत से बढ़कर 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान। किसान आय सहायता के चलते राजकोषीय घाटा बढ़ेगा।
  • चालू वित्त वर्ष के दौरान संशोधित व्यय 13.3 प्रतिशत बढ़कर 24,57,235 करोड़ रुपये रहने का अनुमान। अगले वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इसके 27,84,200 करोड़ रुपये रहने का अनुमान।
  • राष्ट्रीय शिक्षा योजना के लिए आवंटन 32,334 करोड़ रुपये से बढ़कर 38,570 करोड़ रुपये किया गया’
  • अगले पांच साल में एक लाख डिजिटल गांव बनाए जाएंगे। पिछले पांच साल में 34 करोड़ जन-धन खाते खोले गए।
  • पूर्वोत्तर क्षेत्र का 2019-20 के लिए बजट आवंटन 21 प्रतिशत बढ़ाकर 58,166 करोड़ रुपये किया गया।
  • रेलवे की योजनाओं के लिए 2019-20 में आम बजट से 64,587 करोड़ रुपये आवंटित। वर्ष के दौरान रेलवे का कुल पूंजीगत खर्च 1,58,658 करोड़ रुपये होगा।
  • मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम पहली बार देश के रेलवे मानचित्र पर आए। सिक्किम हवाई अड्डा खुलने के बाद 100 से अधिक ऑपरेशनल हवाई अड्डे हो गए। घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 5 साल में दोगुनी हो गई।
  • ‘वन रैंक, वन पेंशन के तहत मौजूदा सरकार ने 35,000 करोड़ रुपये आवंटित किए।
  • रक्षा बजट पहली बार 2019-20 के लिए तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक।
  • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 15.56 करोड़ लाभार्थियों को 7.23 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया।
  • कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआई) नियम के तहत पात्रता 15,000 से बढ़ाकर 21000 रुपये प्रतिमाह वेतन की गई।
  • राष्ट्रीय गोकुल योजना के लिए 2019-20 के बजट में 750 करोड़ रुपये का आवंटन और सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा।
  • श्रमिकों की न्यूनतम मासिक पेंशन 1,000 रुपये तक की गई और आंगनवाड़ी आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय 50 प्रतिशत बढ़ाया गया।
  • प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान धन योजना के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित। संगठित क्षेत्र के 15,000 रुपये प्रतिमाह कमाने वालों को 60 साल के बाद 3000 रुपये प्रति माह की पेंशन योजना दी जाएगी।
  • 75,000 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री किसान योजना के लिए आवंटित और पिछले दो साल में कर्मचारी भविष्य निधि में सदस्यता में दो करोड़ की वृद्धि हुई है।
  • पशुपालन के लिए किसानों को कर्ज पर 2 प्रतिशत ब्याज सहायता देगी सरकार और किसानों का फसली कर्ज 2018-19 में 11 लाख 68 हजार करोड़ रुपये हो गया।
  • प्रधानमंत्री किसान योजना में 2 लाख हेक्टेयर तक की जमीन वाले छोटे किसानों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष मिलेंगे। तीन किस्तों में पैसे मिलेंगे। पहली किस्त जल्द मिलेगी।
  • मजदूरों की अचानक मौत पर 6 लाख तक का मुआवजा।
  • श्रमयोगी मानधन योजना में 15 हज़ार कमाने वाले शामिल। इससे 10 करोड़ मजदूरों को फायदा। असंगठित क्षेत्र में 21 हज़ार हर महीने कमाने वालो को बोनस का हकदार माना।
  • असंगठित क्षेत्र के लिए भी हर महीने 3000 रुपए तक की पेंशन। इससे 10 करोड़ लोगों को फायदा।
  • गर्भवती महिला कार्मिक को अब 26 महीने की मैटरनिटी लीव।

(कॉपी संपादन : एफपी डेस्क)


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लेखक के बारे में

कुमार समीर

कुमार समीर वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने राष्ट्रीय सहारा समेत विभिन्न समाचार पत्रों में काम किया है तथा हिंदी दैनिक 'नेशनल दुनिया' के दिल्ली संस्करण के स्थानीय संपादक रहे हैं

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