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नागपुर विवि में भी संविदा पर बहाली, बाहरी नहीं होंगे बहाल

उच्च शिक्षा संस्थानों में संविदा के आधार पर शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया अब कई विश्वविद्यालयों द्वारा अपनायी जा रहा है। इसका एक पक्ष यह भी है कि लंबे समय तक शिक्षक विश्वविद्यालय की मनमानी शर्तों पर कार्य करने काे विवश हो जाते हैं

विश्वविद्यालयों में संविदा के आधार पर शिक्षकों की बहाली के लिए विज्ञापन जारी होने का सिलसिला जारी है। लखनऊ विश्वविद्यालय के बाद अब राष्ट्रसंत तुकादोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र  ने असिस्टेंट प्रोफेसर के 107 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया है। ये सभी पद संविदा पर आधारित हैं। साथ ही विश्वविद्यालय ने विज्ञापन में वे शर्तें भी प्रकाशित की हैं जिनके चलते बाहरी यानी महाराष्ट्र के बाहर के उम्मीदवार नियुक्त नहीं हो पायेंगे। यह रोक मुख्य रूप से आरक्षित तबकों के लिए है जबकि बाहरी राज्यों के सामान्य वर्ग के उम्मीदवार भी मराठी भाषा नहीं जानने के कारण शायद ही नियुक्त हो सकें।

 

बीते 28 जून 2019 को नागपुर विश्वविद्यालय ने विज्ञापन जारी करके संविदा पर असिस्टेंट प्रोफेसर के 107 रिक्त पदों पर आवेदन मांगे हैं। इनमें एससी के लिए 13 पद, ओबीसी के लिए 18 पद , एसटी के लिए 17 पद, एसईबीसी के लिए 6 पद आरक्षित हैं। 

यह भी पढ़ें : लखनऊ विश्वविद्यालय में ठेके पर प्रोफेसर, बुद्धिजीवियों ने जताया विरोध

नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा जारी विज्ञापन में एसबीसी (विशेष पिछड़ा वर्ग) के लिए 2, ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों) के लिए 5 पद आरक्षित हैं। ये आवेदन कला, वाणिज्य, शिक्षा, कानून, समाजशास्त्र, विज्ञान, भाषा, लाइब्रेरी साइंस, जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन जैसे विभिन्न विषयों में मांगे गए हैं। आवेदन की आखिरी तारीख 15 जुलाई 2019 है। विश्वविद्यालय द्वारा जारी विज्ञापन की मूल प्रति यहां क्लिक कर देखें।

राष्ट्रसंत तुकादोजी महराज विश्वविद्यालय, नागपुर का मुख्य द्वार

चूंकि सभी 107 पद संविदा पर आधारित हैं। इसलिए विश्वविद्यालय द्वारा शर्तें पहले ही स्पष्ट कर दी गयी हैं। विज्ञापन में कहा गया है कि विश्वविद्यालय असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति सिर्फ एक वर्ष अर्थात ज्वाइनिंग की तारीख से लेकर 30 अप्रैल 2020 तक के लिए की जा रही है। साथ ही विज्ञापन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस पूरे एक सत्र के दौरान सिर्फ 8 सामान्य छुट्टियां ही प्रदान की जाएंगी। इसके अलावा विश्वविद्यालय ने महाराष्ट्र के बाहर के उम्मीदवारों को रोकने के लिए दो शर्तें अलग से जोड़ दी हैं। इनमें से एक यह कि आरक्षित वर्ग के उन उम्मीदवारों को जो महाराष्ट्र के नहीं हैं, उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा और उन्हें सामान्य वर्ग में रखा जाएगा। इसके पहले विज्ञापन में साफ दर्ज है कि मराठी भाषी उम्मीदवारों को वरीयता दी जाएगी। 

(फारवर्ड प्रेस उच्च शिक्षा जगत से संबंधित खबरें प्रकाशित करता रहा है। हाल के दिनों में कई विश्वविद्यालयों द्वारा नियुक्तियों हेतु विज्ञापन निकाले गए हैं। इन विज्ञापनों में आरक्षण और रोस्टर से जुड़े सवालों को भी हम  उठाते रहे हैं; ताकि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में दलित-बहुजनों समुचित हिस्सेदारी हो सके। आप भी हमारी इस मुहिम का हिस्सा बन सकते हैं। नियोजन संबंधी सूचनाओं, खामियों के संबंध में हमें editor@forwardmagazine.in पर ईमेल करें। आप हमें 7004975366 पर फोन करके भी सूचना दे सकते हैं)

(कॉपी संपादन : नवल)


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सुशील मानव

सुशील मानव स्वतंत्र पत्रकार और साहित्यकार हैं। वह दिल्ली-एनसीआर के मजदूरों के साथ मिलकर सामाजिक-राजनैतिक कार्य करते हैं

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