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आईआईटी-आईआईएम में ओबीसी : दलित-आदिवासियों से भी बदहाल, ड्राॅपआउट में नंबर वन

आईआईटी और आईआईएम में ओबीसी वर्ग के छात्रों का ड्रॉपआउट रेट एससी और एसटी वर्ग के छात्रों से भी अधिक है। सरकारी आंकड़ों पर ही विश्वास करें तो ओबीसी तबकों से आने वाले लगभग 25 फीसदी प्रतिभाशाली छात्र इन प्रतिष्ठित संस्थाओं से बाहर निकलने के लिए मजबूर हो जाते हैं

देश के शीर्ष प्रौद्योगिकी संस्थानों में शुमार इन्डियन इन्स्टीच्यूट ऑफ टेक्लोलॉजी (आईआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थान(आईआईएम) में बड़ी संख्या में छात्र पढ़ाई बीच में ही छोड़ रहे हैं। सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक़ इनमें सबसे अधिक ओबीसी वर्ग के छात्र हैं। सामान्य मान्यताओं के विपरीत इनका ड्रॉपआइट रेट अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों से भी ज़्यादा  है।

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लेखक के बारे में

सैयद ज़ैग़म मुर्तज़ा

उत्तर प्रदेश के अमरोहा ज़िले में जन्मे सैयद ज़ैग़़म मुर्तज़ा ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से लोक प्रशासन और मॉस कम्यूनिकेशन में परास्नातक किया है। वे फिल्हाल दिल्ली में बतौर स्वतंत्र पत्रकार कार्य कर रहे हैं। उनके लेख विभिन्न समाचार पत्र, पत्रिका और न्यूज़ पोर्टलों पर प्रकाशित होते रहे हैं।

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