डॉ. आंबेडकर से मेरा संबंध गर्भनाल जैसा रहा है। मेरी मां रामरती देवी और पिता रीतनारायण लाल रजक पटना के सब्जीबाग मुहल्ले में रहते थे। वे लोगों के कपड़े धोते और इस्त्री कर घर-घर पहुंचाते। वे बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के विचारों से प्रभावित थे। वे शिक्षा का महत्व समझते थे। उन्होंने मुझे हमेशा पढ़ने के लिए प्रेरित किया।