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सामने आया अयोध्या में बौद्धकालीन इतिहास, अब काशी और मथुरा की बारी

ऐतिहासिक यात्रा विवरणों और ताज़ा पुरातात्विक साक्ष्यों से यह साफ़ है कि अयोध्या सदियों तक बौद्ध नगरी थी और मध्यकाल में वहां बौद्ध धर्म का स्थान ब्राह्मणवाद ने ले लिया। यह विडंबना ही है कि यह मुग़ल काल में हुआ। ऐसी प्रबल संभावना है कि काशी और मथुरा में भी यही घटनाक्रम हुआ होगा

सन् 1990 के दशक में दो महत्वपूर्ण राजनैतिक परिघटनाएं घटित हुईं, मंडल और कमंडल। मंडल अभियान का उद्देश्य था सामाजिक न्याय की स्थापना जबकि कमंडल (या राममंदिर) अभियान का उद्देश्य था धार्मिक अन्याय की खिलाफत। राममंदिर आन्दोलन के कर्ताधर्ताओं का तर्क रहा भले ही दक्षिणपंथी धार्मिक रहे हों परन्तु उनके इस तर्क में दम दिखता था कि चूंकि मुस्लिम आक्रान्ताओं और शासकों ने राम के जन्मस्थान पर निर्मित मंदिर सहित कई हिन्दू मंदिरों को नष्ट किया था, अतः आधुनिक धर्मनिरपेक्ष भारत में हिन्दुओं द्वारा उन स्थानों पर दावा करने में कुछ भी गलत नहीं है।

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लेखक के बारे में

रत्नेश कातुलकर

रत्नेश कातुलकर सामाजिक अध्ययन संस्थान, नई दिल्ली में समाज विज्ञानी हैं। वह दलित आंदोलन में सक्रिय रहे हैं तथा हाल ही में इनकी किताब 'बाबासाहब डॉ. आंबेडकर और आदिवासी प्रश्न?' प्रकाशित हुई है

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