केंद्र सरकार के द्वारा लैटरल इंट्री यानी पिछले दरवाजे के माध्यम से बिना किसी प्रतियोगी परीक्षा के शासन-प्रशासन में शामिल किया जा रहा है। सरकार का यह कदम दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के प्रतिभाशाली युवाओं के साथ धोखाधड़ी है। केंद्र सरकार ऐसा करके फिर से देश में मनुवादी व्यवस्था कायम करने की साजिश कर रही है।