h n

दलित-बहुजनों के राजनीतिक-आर्थिक बहिष्करण को नई जनसंख्या नीति

अनिवार्य जनसंख्या नीति (दो बच्चों की नीति) से तत्काल नकारात्मक प्रभाव वंचित तबका (दलित, आदिवासी, पिछड़ा और मुस्लिम) पर ही पड़ेगा। यह तबका स्थानीय निकाय के चुनावों में भाग लेने से वंचित हो जाएगा। सरकार के सभी कल्याणकारी योजनाओं से भी वंचित हो जाएगा। जो सरकारी नौकरी में हैं, वे प्रोन्नति से वंचित हो जाएंगे। वंचित तबके का आर्थिक और राजनीतिक बहिष्कार हो जाएगा। बता रहे हैं डॉ. योगेंद्र सम्यक

हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए ‘दो बच्चों की नीति’ का मसौदा तैयार किया है। राज्य के विधि विभाग ने इस मसौदा का नामकरण ‘उत्तर प्रदेश पॉपुलेशन (कंट्रोल, स्टेबलाइजेशन एण्ड वेल्फेयर) बिल’ किया है। इस लेख का उदेश्य इस मसौदे का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करना नहीं है। लेकिन, संक्षेप में यह जानना आवश्यक है कि बिल के मसौदे के अनुसार इस जनसंख्या नीति को पालन करने वालों को अतिरिक्त सुविधाएं देने का प्रस्ताव है। दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले लोगों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित होना पड़ेगा और स्थानीय निकायों के चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिए जाएंगे।

पूरा आर्टिकल यहां पढें : दलित-बहुजनों के राजनीतिक-आर्थिक बहिष्करण को नई जनसंख्या नीति

लेखक के बारे में

योगेंद्र सम्यक

जेएनयू, नई दिल्ली से पीएचडी डॉ. योगेंद्र सम्यक वर्तमान में एमजेके कॉलेज, बेतिया (बिहार) के भूगोल विभाग में सहायक प्राध्यापक हैं

संबंधित आलेख

पुष्यमित्र शुंग की राह पर मोदी, लेकिन उन्हें रोकेगा कौन?
सच यह है कि दक्षिणपंथी राजनीति में विचारधारा केवल आरएसएस और भाजपा के पास ही है, और उसे कोई चुनौती विचारहीनता से ग्रस्त बहुजन...
महाराष्ट्र : वंचित बहुजन आघाड़ी ने खोल दिया तीसरा मोर्चा
आघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने अपनी ओर से सात उम्मीदवारों की सूची 27 मार्च को जारी कर दी। यह पूछने पर कि वंचित...
‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा में मेरी भागीदारी की वजह’
यद्यपि कांग्रेस और आंबेडकर के बीच कई मुद्दों पर असहमतियां थीं, मगर इसके बावजूद कांग्रेस ने आंबेडकर को यह मौका दिया कि देश के...
इलेक्टोरल बॉन्ड : मनुवाद के पोषक पूंजीवाद का घृणित चेहरा 
पिछले नौ सालों में जो महंगाई बढ़ी है, वह आकस्मिक नहीं है, बल्कि यह चंदे के कारण की गई लूट का ही दुष्परिणाम है।...
कौन हैं 60 लाख से अधिक वे बच्चे, जिन्हें शून्य खाद्य श्रेणी में रखा गया है? 
प्रयागराज के पाली ग्रामसभा में लोनिया समुदाय की एक स्त्री तपती दोपहरी में भैंसा से माटी ढो रही है। उसका सात-आठ माह का भूखा...