बीते 4 दिसंबर को टंट्या भील के बलिदान दिवस के मौके पर मध्य प्रदेश में पेसा यानी पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम, 1996 के नियम लागू कर दिए गए हैं। यह ऐलान खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। मगर आदिवासी स्वशासन और अधिकारों को लेकर संघर्षरत व्यक्तियों ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाना शुरु कर दिया है। उनका आरोप है कि पेसा के लगभग 25 बरस बाद बनाए गए इन नियमों ने संसद द्वारा पारित अधिनियम की भावना को ही बदल दिया है।