छह दिसंबर को बाबा साहब का परिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत के मनुवादियों ने इसी दिन को 1992 में बाबरी मस्जिद तोड़ने के लिए षड्यंत्रपूर्वक चुना और अब वे इसे शौर्य दिवस के रूप में मनाते हैं। यह सामाजिक समता के प्रतीक दिन को सांप्रदायिक नफरत के दिन से प्रतिस्थापित करने की सोची समझी योजना के तहत किया गया है।