h n

छत्तीसगढ़ : ब्राह्मणों को ओबीसी के बाद अब ठाकुर कथावाचकों से भी परहेज

छत्तीसगढ़ में गैर ब्राह्मणों द्वारा भागवत कथा वाचन को लेकर वहां के ब्राह्मणों का आक्रोश एक बार फिर देखा जा रहा है। इसके पहले तेली (ओबीसी) जाति की महिला कथावाचक यामिनी साहू को लेकर इसी तरह का बवाल खड़ा किया गया था। इसके बारे में बता रहे हैं संजीव खुदशाह

पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में एक तेली (ओबीसी) महिला कथावाचक यामिनी साहू का मामला थमा भी नहीं था कि एक नया मामला सामने आया है। दरअसल, पूरे सूबे में हिंदू धर्म को थोपने की लगातार कोशिशें की जा रही हैं और इसी क्रम में जगह-जगह पर भागवत कथाओं का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में सूबे के बेमेतरा जिला के ग्राम सिधौरी में वीणा महिला मानस मंडली ने श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जिसमें कथा वाचक ओमप्रकाश ठाकुर को बुलाया गया, जो कि राजपूत जाति का है।

एक राजपूत को भागवत कथा वाचक बनाए जाने पर गांव का ब्राह्मण समाज आक्रोशित हो गया है। मामला प्रकाश में तब आया जब इसी गांव के एक युवक उत्कर्ष दुबे ने फेसबुक पर इस बाबत सूचना साझा की। उसने थाने के सामने विरोध प्रदर्शन का वीडियो अपलोड किया है। 

छत्तीसगढ़ में ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम की तस्वीर (फाइल फोटो)

अपने फेसबुक पर उसने जो लिखा है, वह इस बात का परिचायक है कि किस तरह ब्राह्मण जाति के लोग खुद को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं। उसने लिखा– आज हम ब्राह्मणों के धार्मिक भावनाओं का हनन और धार्मिक परंपराओं का उल्लंघन हो रहा हैं। 22/03/22 से बेमेतरा वीणा मानस मंडली के द्वारा श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान का आयोजन किया गया है, जिसमे व्यास गद्दी में कथा वाचक के रूप में पं. ओमप्रकाश ठाकुर जी विराजमान होने वाले हैं। धार्मिक परंपरा के अनुसार व्यास पीठ मे परंपरा से किसी ब्राह्मण विरक्त सन्यासी या वैष्णव आदि का पूर्व काल से बैठने का अधिकार रहा है और जो कथा व्यास के रूप में बैठ रहे हैं, जाति से क्षत्रिय हैं, जो कि परंपरा का हनन है। इससे ब्राह्मण समाज के धार्मिक अधिकारों का हनन हो रहा है और कथा व्यास [ओमप्रकाश ठाकुर] को समझ देने पर अखंड ब्राह्मण समाज के बार में उनके द्वारा वाद-विवाद आरोपित किया जा रहा है। ऐसे आयोजन का ब्राह्मण समाज के द्वारा विरोध किया गया, जिसमें सभी जिलों से बड़ी संख्या में ब्राह्मण उपस्थित हुए। जय श्री परशुराम‍

यह भी पढ़ें : भागवत कथा वाचन के मामले में तेली जाति की महिला को मिली धमकियां, मामला दर्ज

क्‍या है मामला?

बीते कई वर्षो से गैर ब्राम्‍हण चाहे उमा भारती हों या आसाराम जैसे तमाम लोग कथा वाचन का कार्य करते रहे हैं। कथा वाचन के दौरान भक्तों के चंदों से बड़ी कमाई होती है। अब गैर ब्राम्‍हणों के द्वारा कथा वाचन किये जाने के कारण ब्राह्मणों को अपनी कमाई में सेंध लगता देख विचलित होना स्वाभाविक है। बेमेतरा के इस प्रकरण में यामिनी साहू की तरह पं. ओमप्रकाश ठाकुर ने भी कथा वाचन यज्ञ सप्ताह रोकने से मना कर दिया है। 

 (संपादन : नवल/अनिल)


फारवर्ड प्रेस वेब पोर्टल के अतिरिक्‍त बहुजन मुद्दों की पुस्‍तकों का प्रकाशक भी है। एफपी बुक्‍स के नाम से जारी होने वाली ये किताबें बहुजन (दलित, ओबीसी, आदिवासी, घुमंतु, पसमांदा समुदाय) तबकों के साहित्‍य, सस्‍क‍ृति व सामाजिक-राजनीति की व्‍यापक समस्‍याओं के साथ-साथ इसके सूक्ष्म पहलुओं को भी गहराई से उजागर करती हैं। एफपी बुक्‍स की सूची जानने अथवा किताबें मंगवाने के लिए संपर्क करें। मोबाइल : +917827427311, ईमेल : info@forwardmagazine.in

फारवर्ड प्रेस की किताबें किंडल पर प्रिंट की तुलना में सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं। कृपया इन लिंकों पर देखें 

मिस कैथरीन मेयो की बहुचर्चित कृति : मदर इंडिया

बहुजन साहित्य की प्रस्तावना 

दलित पैंथर्स : एन ऑथरेटिव हिस्ट्री : लेखक : जेवी पवार 

महिषासुर एक जननायक’

महिषासुर : मिथक व परंपराए

जाति के प्रश्न पर कबी

चिंतन के जन सरोकार

लेखक के बारे में

संजीव खुदशाह

संजीव खुदशाह दलित लेखकों में शुमार किए जाते हैं। इनकी रचनाओं में "सफाई कामगार समुदाय", "आधुनिक भारत में पिछड़ा वर्ग" एवं "दलित चेतना और कुछ जरुरी सवाल" चर्चित हैं

संबंधित आलेख

महाराष्ट्र : वंचित बहुजन आघाड़ी ने खोल दिया तीसरा मोर्चा
आघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने अपनी ओर से सात उम्मीदवारों की सूची 27 मार्च को जारी कर दी। यह पूछने पर कि वंचित...
‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा में मेरी भागीदारी की वजह’
यद्यपि कांग्रेस और आंबेडकर के बीच कई मुद्दों पर असहमतियां थीं, मगर इसके बावजूद कांग्रेस ने आंबेडकर को यह मौका दिया कि देश के...
इलेक्टोरल बॉन्ड : मनुवाद के पोषक पूंजीवाद का घृणित चेहरा 
पिछले नौ सालों में जो महंगाई बढ़ी है, वह आकस्मिक नहीं है, बल्कि यह चंदे के कारण की गई लूट का ही दुष्परिणाम है।...
कौन हैं 60 लाख से अधिक वे बच्चे, जिन्हें शून्य खाद्य श्रेणी में रखा गया है? 
प्रयागराज के पाली ग्रामसभा में लोनिया समुदाय की एक स्त्री तपती दोपहरी में भैंसा से माटी ढो रही है। उसका सात-आठ माह का भूखा...
यूपी : नगीना लोकसभा सीट आख़िर क्यों है इतनी ख़ास?
इस सीट का महत्व इस बात से समझिए कि इस सीट पर उम्मीदवारी की लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, बसपा नेता आकाश आनंद समेत...