बहस-तलब
इन दिनों जातिगत जनगणना के मुद्दे पर कुछ राज्यों के नेता कुछ अधिक आक्रामक हो गए हैं तो कुछ राज्यों के नेता सक्रिय होते हुए दिख रहे हैं। हालांकि इससे पहले 2009 से 2011 के दरमियान संसद में भी इस मुद्दे पर गर्म बहसें हुई थीं, लेकिन वर्तमान में इस मुद्दे पर संसद को शांत किया जा चुका है। लेकिन यह भी देखा जा रहा है कि सच दबाने के लिए एक रास्ता बंद करने पर दस दरवाजे और खुलते जाते हैं। मसलन, बिहार में जातिगत जनगणना का मुद्दा जोर पकड़ रहा है। यह इसके बावजूद कि केंद्र व बिहार में सत्तासीन भाजपा कई बार खुलकर जातिगत जनगणना के मामले में खलनायक की भूमिका में नजर आयी है।