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सूचनार्थ

न्याय को भटकते गोमपाड़ के आदिवासी
सवाल यह नहीं है कि 2009 में सुकमा इलाक़े में मारे गए 16 लोग नक्सली थे या नहीं। सवाल यह है कि देश के नागरिकों की ग़ैर-न्यायिक हत्या की जांच क्यों नहीं होनी चाहिए? आख़िर...
दलित पैंथर : पचास साल पहले जिसने रोक दिया था सामंती तूफानों को
दलित पैंथर के बारे में कहा जाता है कि उसका नाम सुनते ही नामी गुंडे भी थर्रा उठते थे और दलित पैंथर के उभार तथा कार्यशैली के कारण स्थानीय पुलिस को भी अपनी दलितों के...
दलित पैंथर : पचास साल पहले जिसने रोक दिया था सामंती तूफानों को
दलित पैंथर के बारे में कहा जाता है कि उसका नाम सुनते ही नामी गुंडे भी थर्रा उठते थे और दलित पैंथर के उभार तथा कार्यशैली के कारण स्थानीय पुलिस को भी अपनी दलितों के...
भाषा विवाद : शोषकों की मंशा को समझें दलित-बहुजन
यह आवश्यक है कि हिंदी को जबरन न थोपा जाए। हर राज्य का निवासी जब अपनी भाषा में पढ़ेगा तो अच्छा रहेगा। लेकिन यह याद रखा जाना चाहिए कि हमें अपनी भाषाओं में ज्ञान कोश...
भाषा विवाद : शोषकों की मंशा को समझें दलित-बहुजन
यह आवश्यक है कि हिंदी को जबरन न थोपा जाए। हर राज्य का निवासी जब अपनी भाषा में...
कर्पूरी ठाकुर का व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन
जननायक कर्पूरी ठाकुर का जीवन एक मिसाल है। व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में कोई भेद नहीं। उनके जीवन...
बहुजन साप्ताहिकी : सुर्खियों में स्टालिन का आह्वान
बहुजन साप्ताहिकी के तहत इस बार पढ़ें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के नये आह्वान के अलावा डीयू...
यूपी चुनाव : अगड़ा बनाम दलित-पिछड़ा नॅरेटिव के मुकाबले भाजपा का ‘जंगलराज’
जंगलराज या ग़ुंडाराज जैसे शब्दों को पिछड़ी या दलित जातियों के प्रभुत्व वाली सरकारों के पर्यायवाची के तौर...
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