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जनसांख्यिकी

नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज प्रकरण : हेमंत के अगले कदम का इंतजार
केंद्रीय संघर्ष समिति, लातेहार-गुमला के सचिव जेरोम जेराल्ड कुजूर का कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा स्वागत योग्य है। अब यह लगने लगा है कि नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के इलाके से सेना...
अभी हम आदिवासियों का पेट नहीं भरा है : वासवी किड़ो
'विस्थापन झारखंड को खाए जा रहा है। झारखंड अलग राज्य अगर बना है तो विस्थापन का सवाल तो हल करना ही पड़ेगा। विकास का ऐसा मॉडल लाना पड़ेगा कि कोई आदिवासी गांव ना उजड़े। और...
‘झारखंड के हिस्से में अब भी क्यों है कोख में अमीरी और गोद में गरीबी?’
झारखंड बनने के बाद भी ये कारपोरेट जगत, पूंजीवादी ताकतें, और कुलीन वर्ग के लोग आज भी आदिवासियों को लूट रहे हैं। आदिवासी महिला सब्जी लेकर बाजार में आती हैं तो उसकी टोकड़ी ये पहले...
पलामू के आदिम जनजातियों के समक्ष कोरोना काल के उपरांत की चुनौतियां
कोरोना ने लोगों पर दोहरा हमला किया है। चूंकि पीवीटीजी पहले से ही अकुशल श्रमिक के रूप में काम करते है, इसलिए आदिवासी समुदाय के लिए काम ढूंढना और भी मुश्किल हो गया है क्योंकि...
हसदेव जंगल : सियासत और आदिवासी
तमाम तरह की सियासत और सरकार की दमनकारी नीतियों के बावजूद हसदेव अरण्य की ग्रामसभाएं बिना निराश और...
हसदेव अरण्य मामला : जिलाधिकारी के पत्र में ‘पेंच’
छत्तीसगढ़ के सरगुजा में आदिवासी हसदेवा जंगल को बचाने के लिए आंदोलनरत हैं। उनका कहना है कि सरकार...
‘झारखंड के हिस्से में अब भी क्यों है कोख में अमीरी और गोद में गरीबी?’
झारखंड बनने के बाद भी ये कारपोरेट जगत, पूंजीवादी ताकतें, और कुलीन वर्ग के लोग आज भी आदिवासियों...
आदिवासी जीवन पद्धति : अतीत का अवशेष या भविष्य की राह?
यदि हम आदिवासी जीवन पद्धति को उसके मूल्यों, विशेषकर उसके लोकतांत्रिक मूल्यों, के परिप्रेक्ष्य से देखें तो हमें...
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