Several prominent African American and Dalit intellectuals pledge solidarity in response to a petition launched by US-based India Civil Watch International condemning the rape and murder of Manisha Valmiki in Hathras, Uttar Pradesh
अमरीका स्थित इंडिया सिविल वाच इंटरनेशनल ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में मनीषा वाल्मीकि के साथ बलात्कार व उसकी हत्या के विरोध में एक याचिका तैयार की। याचिका पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कई प्रमुख अफ़्रीकी-अमरीकी और दलित बुद्धिजीवियों ने परस्पर एकजुटता की बात कही है
The Cisco lawsuit has made the US government aware of caste discrimination in the American multinational IT companies, which employ a large number of Indians. Harvard-based Dalit scholar Suraj Yengde told American broadcaster NPR that these companies should adopt a policy of caste diversity and implement it in India and elsewhere
सिस्को के खिलाफ मुकदमे ने उस देश की बहुराष्ट्रीय आईटी कंपनियों, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं, में व्याप्त जातिगत भेदभाव की ओर अमरीका की सरकार का ध्यान खींचा है। हार्वर्ड के दलित अध्येता सूरज येंग्ड़े ने अमरीकी रेडियो एनपीआर से बातचीत में कहा कि इन कंपनियों को जाति-आधारित आरक्षण की नीति अपनानी चाहिए और इसे भारत सहित अन्य स्थानों में स्थित अपने कार्यालयों में भी लागू करना चाहिए
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मराठी दलित साहित्यकार अन्नाभाऊ साठे के जन्मशती वर्ष के मौके पर पढ़ें उनकी कालजयी कृति ‘माझा रशियाचा प्रवास’ का ओमप्रकाश कश्यप द्वारा हिंदी अनुवाद। रूस अन्नाभाऊ के सपनों में बसता था। रूसी क्रांति पर आधारित उनकी रचना ‘स्तालिनग्राडचा पोबाड़ा’ उनकी रूस यात्रा से पहले ही वहां लोकप्रिय हो चुकी थी। बावजूद इसके अन्नाभाऊ की रूस यात्रा आसान नहीं थी
हाल के दिनों में तुर्की के कॉन्स्टेंटिनोपल शहर का हागिया सोफिया सुर्खियों में है। वजह यह कि वहां की हुकूमत ने इसे म्यूजियम के बदले मस्जिद के रूप में बदलने की घोषणा की है। यह ठीक ऐसा ही है जैसे कि भारत के अयोध्या में राम मंदिर बनाया जा रहा है। बता रहे हैं बापू राउत
अमेरिका में अश्वेत जार्ज फ्लॉयड की अश्वेत पुलिसकर्मी द्वारा हत्या के बाद विश्व स्तर पर अश्वेतों के पक्ष में आवाजें उठ रही हैं। कुछेक आवाजें भारत में भी सुनाई दे रही हैं। इन उठती आवाजों का भारतीय समाज के सापेक्ष विश्लेषण कर रही हैं पूनम तुषामड़
अमेरिका में अश्वेतों के आंदोलन की परिस्थितियों व इसका भारत के संदर्भ में विश्लेषण कर रहे हैं ओमप्रकाश कश्यप। उनके मुताबिक, भारत में छह हजार से ऊपर जातियां और उपजातियां हैं। वे एक जगह न होकर, छोटे-छोटे समूहों में पूरे देश में यहां-वहां बिखरी हुई हैं। इसलिए बड़ी आबादी होने के बावजूद वे कोई प्रभावी और परिवर्तनकारी शक्ति नहीं बन पातीं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन के मुताबिक दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल व सफदरजंग अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए खास इंतजाम किया गया है। वहीं अन्य राज्यों में भी सरकारों ने उपाय के दावे किए हैं। लेकिन भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं और दवाओं की पहुंच एक बड़ा सवाल है। जैगम मुर्तजा की खबर
लेखक जितेंद्र भाटिया के मुताबिक भूटान की पहाड़ियों पर आपको अक्सर रंग बिरंगे तिकोने झंडों की भरमार मिलेगी। इनके पांच रंग प्राकृतिक शक्तियों के प्रतीक हैं। सफ़ेद बादल, नीला आसमान, लाल अग्नि, हरा जल और पीला धरती
अमेरिका में बैठे अवि दांडिया नामक शख्स ने ऑडियो क्लिप जारी कर सनसनी फैला दी कि पुलवामा आतंकी हमले में भारत के शीर्ष नेताओं का हाथ था। तथ्य बताते हैं कि उसके द्वारा जारी ऑडियो क्लिप फर्जी है